चंडीगढ़ | कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का असर हरियाणा कांग्रेस में भी दिखाई देगा. इस जीत का सबसे ज्यादा असर अगर किसी पर पड़ा है तो वह हैं हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज चेहरों में से एक राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला. कर्नाटक में पार्टी प्रभारी होने के नाते दिल्ली में उनका दबदबा और बढ़ेगा. इसका असर हरियाणा कांग्रेस की संगठन सूची पर भी पड़ेगा.
ऐसी संभावना है कि इस सूची में शामिल कई नाम बदले जा सकते हैं. सुरजेवाला का कद बढ़ने से जाहिर सी बात है कि इसका असर पार्टी में बने दूसरे गुटों पर भी दिखेगा. सबसे ज्यादा असर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गुटबाजी पर देखने को मिलेगा.
एक गुट जीत का श्रेय सुरजेवाला को दे रहा
हरियाणा में कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग कर्नाटक में जीत का श्रेय सुरजेवाला को दे रहा है. कैथल जिले में कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां भी खूब बांटी हैं. इसकी खास वजह यह भी है कि यह रणदीप सुरजेवाला का गढ़ भी है. अन्य गुटों के नेता भी दबी जुबान में कह रहे हैं कि इस जीत का श्रेय सुरजेवाला को ही जाता है. हालांकि, हुड्डा गुट इसके लिए केंद्र विरोधी लहर बता रहा है.
कर्नाटक की जनता ने विकास की राजनीति को अपना वोट देकर एक बार पुनः मजबूत लोकतंत्र का परचम लहराया है।
यह जीत कर्नाटक की जनता के साथ ही जनता की आवाज़ बुलंद करने वाले सभी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की मेहनत की है।
कर्नाटक में हुई शानदार जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज… pic.twitter.com/pcHGXpj2iu
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderShooda) May 13, 2023
हरियाणा कांग्रेस में क्या होगा असर
सुरजेवाला के दिल्ली में कद बढ़ने से सबसे ज्यादा असर राज्य में पार्टी संगठन की सूची में देखने को मिलेगा. केंद्रीय नेतृत्व को दी गई लिस्ट में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा बताया जा रहा है. यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक यह सूची जारी नहीं की है. इसके अलावा, साल 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व के फैसलों पर सुरजेवाला का दखल भी बढ़ेगा.
विरासत में मिली राजनीति
रणदीप सुरजेवाला को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता स्व. चौधरी शमशेर सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं. उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला कैथल विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते. रणदीप सुरजेवाला 2010 और 2015 में कैथल से विधायक बने और मंत्री भी बने. हालांकि, 2018 में जींद उपचुनाव में सुरजेवाला को हार का सामना करना पड़ा था.
रणदीप ने ओपी चौटाला को हराया
रणदीप सुरजेवाला नरवाना से दो बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि, वह तत्कालीन इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से चुनाव भी हार चुके हैं. उन्हेंने 2005 में नरवाना विधानसभा से पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को हराकर बदला लिया था. इसके बाद, कैथल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सुरजेवाला समर्थकों को जश्न मनाने का मौका नहीं मिल सका. कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिलने की खबर के बाद सुरजेवाला को संजीवनी मिल गई है.
दूसरी तरफ, कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के साथ ही हरियाणा बीजेपी में भी हलचल मच गई है. हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने आनन- फानन में संगठन की बैठक बुलाई है. इस बैठक में धनखड़ पार्टी पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करेंगे. जिसमें 3 महासचिवों के साथ संगठन मंत्री भी मौजूद हैं. संगठन की यह अहम बैठक धनखड़ ने पंचकूला में बीजेपी के मोर्चों और प्रकोष्ठों के कामकाज की समीक्षा के लिए बुलाई है.
बैठक में रोड मैप हो रहा तैयार
हरियाणा में 2024 लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी काफी अहम है. इसका कारण यह है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी सांसद राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर संसद पहुंचे हैं. इसके साथ ही, राज्य में 2014 से भाजपा की सरकार है. ऐसे में 2024 के दोनों चुनावों में संगठनात्मक स्तर पर अच्छे प्रदर्शन की जिम्मेदारी बेहद अहम हो जाती है. यही वजह है कि धनखड़ लगातार खेत में नजर आ रहे हैं.
पीएम के 9 साल पूरे होने के कार्यक्रमों की समीक्षा
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 9 साल पूरे होने पर होने वाले कार्यक्रमों पर भी चर्चा होगी. बैठक में हरियाणा भाजपा के तीनों प्रदेश महासचिव, संगठन मंत्री व मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मौजूद हैं. इसमें सभी के काम की समीक्षा करने के साथ ही उन्हें आगे की जिम्मेदारी देने पर भी चर्चा की जा रही है.
कल रोहतक में हुई समीक्षा
पंचकूला में बैठक के बाद 15 मई को रोहतक में समीक्षा बैठक बुलाई गई है. रोहतक में सुबह 10 बजे से होने वाली इस बैठक में सभी जिलाध्यक्षों व प्रभारियों व प्रकोष्ठ- विभाग अध्यक्षों को बुलाया गया है. हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष ओपी धनखड़ दो साल के काम की समीक्षा बैठक कर मिशन 2024 का रोड मैप तय करने में जुटे हैं.
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