नई दिल्ली | हाल ही में आए, तीन कृषि कानून यानी (Agricultural laws) के विरोध में पंजाब व हरियाणा के किसान (Farmer) दिल्ली बॉर्डर पर एकजूट हो कर डटे हुए हैं. ऐसे में किसानों अपना पक्ष रखते हुए मांग कर रहे है कि केंद्र सरकार (Central Government) के द्वारा संसद में लाए गए इस तीनों कृषि कानूनों को जल्द से जल्द रद्द कर दे. किसानों के इस प्रदर्शन को अब अन्य राज्यों के किसानेां का भी तेज़ी से समर्थन मिलना शुरू हो गया है.
ऐसे में सरकार के द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है कि किसान संगठनों से बात करके जल्द से जल्द इस मामले में बीच का कोई रास्ता निकाला जाए. केंद्र सरकार से दूसरे दौर की बातचीत करने से पहले किसानों ने लिखित में सरकार के सामने अपनी मांगों को पेश किया है, अब उन सभी मांगों पर वो किसी भी तरह लिखित रूप में ही गारंटी चाहते हैं.
बीते एक हफ्ते से दिल्ली की सड़कों पर ज़ोर शोर से चल रहे किसान आंदोलन अब पहले से भी ज्यादा तेज होता दिखाई दे रहा है. यहां दिल्ली कूच करने के लिए हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ कई और संगठन भी इनमें जुड़ने लगे हैं. ट्रांसपोर्टरों की बड़ी घोषणा करते हुए कहा गया है कि अगर सरकार ने 2 दिनों के भीतर किसानों की बात नहीं मानी तो उस परिस्थिति में दिल्ली में चल रही सभी ट्रक व टैक्सियां बंद कर दी जाएंगी.
चलिए जानते हैं कि किसान संगठनों के द्वारा सरकार के सामने कौन सी 7 मांगे रखी गई है जिन्हें ,पूरा करवाने के लिए वे अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. यह वही मांगे हैं जिन्हें, पूरा करवाने के लिए किसानों ने यह प्रदर्शन किया और अब किसानों द्वारा इन्हें लिखित रूप में सरकार द्वारा पूरा किए जाने के लिए भी लिखित रूप में ही आश्वासन की मांग की जा रही है.
सात मुख्य उद्देश्य
- तीनों कृषि कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए.
- वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव को भी वापस लिया जाए.
- बिजली बिल के कानून में बदलाव है, यह गलत है.
- MSP पर लिखित में भरोसा दिया जाए.
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों ने जताया ऐतराज.
- किसानों के द्वारा कभी ऐसे बिल की मांग ही नहीं की गई, तो फिर ऐसे बिल क्यों लाए गए.
- डीजल की कीमत को वर्तमान से आधा किया जाए.
अब यहां गौर करने वाली बात यह है कि एक ओर विज्ञान भवन में किसानों की सरकार के साथ अहम वार्तालाप चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्री अमित शाह जी के घर पर पंजाब के सी एम कैप्टन अमरिंदर सिंह जी किसान के इन अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं.
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