जींद | हरियाणा में BJP- JJP गठबंधन को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच देर रात राजनीतिक बैठक हुई. इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. हालांकि, चौधरी बीरेंद्र ने संकेत दिया है कि यह मुलाकात सिर्फ गठबंधन पर चर्चा के लिए हुई थी. उन्होंने कहा है कि हरियाणा में बीजेपी को जेजेपी के साथ गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है. मैं भी 50 साल से राजनीति में हूं, हम भी सलाह दे सकते हैं.
अलग से चुनाव लड़ने की दी सलाह
सिंह ने बताया कि हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बीच यह बैठक अहम है. चुनाव को लेकर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी इस पर बोलना संभव नहीं है क्योंकि चुनाव साथ लड़ेंगे या अलग- अलग इस पर सवालिया निशान हैं. इस दौरान बीरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी को नसीहत भी दे डाली. उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग- अलग लड़ना चाहिए, इसमें गठबंधन की क्या जरूरत है.
बीजेपी के पास वोटिंग पावर
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहमत हैं तो ठीक है. लोकसभा में बीजेपी के पास वोटिंग पावर है. राज्य में बीजेपी बाकी पार्टियों से काफी मजबूत है. उन्होंने कहा कि जो वोट पहले कांग्रेस का था वह आज बीजेपी का है. बाकी राजनीति में स्थितियां बदलती रहती हैं.
गठबंधन में BJP को 3 सीटों का नुकसान
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि गठबंधन से कोई फायदा नहीं होने वाला है. लोकसभा चुनाव में गठबंधन से 2 या 3 सीटें किसी को देनी होंगी. पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी को बीजेपी के खिलाफ वोट मिले थे. दूसरी ओर आज जेजेपी के पास वोट ही नहीं है तो वह दूसरों को क्या वोट दिलवाएगा. मैं हमेशा जमीनी हकीकत की बात करता हूं, आज जेजेपी के पास वोट नहीं हैं.
उचाना सीट को नहीं खोना चाहते बिरेंद्र
पूर्व केंद्रीय मंत्री उचाना विधानसभा से 5 बार विधायक रहे हैं. यह सीट उनकी पारंपरिक सीट है. इस सीट की राजनीति उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने हरा दिया था. इसके बाद, चौधरी बीरेंद्र सिंह इस सीट को खोना नहीं चाहते हैं.
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