हरियाणा में कांग्रेस संगठन को लेकर आलाकमान ने ली बैठक, यहाँ पढ़े इस बैठक की ख़ास बाते

चंडीगढ़ | हरियाणा कांग्रेस में एकता बनाए रखने और आगामी संसदीय चुनावों के लिए ठोस रणनीति बनाने के साथ- साथ पार्टी में एक मजबूत संगठन बनाने के लिए सोमवार को कांग्रेस नेतृत्व द्वारा हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई. नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की. वहीं, बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और पार्टी के राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया भी मौजूद थे.

Congress Baithak

ये नेता रहे मौजूद

बैठक में आमंत्रित हरियाणा के कांग्रेस नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेन्द्र सिंह हुडडा, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद दीपेन्द्र हुडडा, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान, पूर्व मंत्री किरण चौधरी, प्रदेश कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्ष श्रुति चौधरी, रामकिशन गुर्जर, सुरेश गुप्ता और जीतेन्द्र भारद्वाज के अलावा पूर्व कांग्रेसी नेता मौजूद थे.

प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना, पूर्व अध्यक्ष धर्मपाल मलिक, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई, पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विनीत पूनिया, आशीष दुआ, चेतन चौहान और प्रदीप नरवाल साथ में पार्टी के साथ सभी विधायक मौजूद थे.

पार्टी में अब गुटबाजी नहीं होगी बर्दाश्त

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव कुमारी शैलजा विदेश में होने के कारण इस बैठक में शामिल नहीं हो सकीं. करीब 3 घंटे तक चली इस अहम बैठक में कांग्रेस नेतृत्व ने साफ कर दिया कि पार्टी में अब गुटबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी नेताओं को अपने मतभेद भुलाकर एक साथ चलना होगा. पार्टी आलाकमान के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी नेता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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बैठक में ये थी खास बात

खास बात यह है कि दीपक बाबरिया को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस नेताओं की यह दूसरी बैठक थी. इससे पहले बाबरिया के नेतृत्व में 24 और 25 जून को चंडीगढ़ में कांग्रेस नेताओं की एक बैठक आयोजित की गई थी और उस बैठक में भी दीपक बाबरिया ने सभी कांग्रेस नेताओं से अलग- अलग चर्चा कर सभी नेताओं को एकजुट होकर देश के हित में काम करने को कहा.

लेकिन उस बैठक में ही न सिर्फ कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबाजी खुलकर देखने को मिली बल्कि पार्टी नेताओं द्वारा समानांतर बैठकें शुरू करने के बाद पार्टी में एकजुटता के दावे पूरी तरह हवा हो गए नजर आए, जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के साथ अलग- अलग बैठकें करते दिखे. वहीं, दूसरी ओर कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी अलग- अलग रैलियां और बैठकें करने लगे.

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इससे साफ है कि पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया द्वारा दिया गया एकता का मूल मंत्र भी अपना असर नहीं दिखा सका. अब सोमवार को हुई बैठक में पार्टी हाईकमान ने हरियाणा के नेताओं को चेतावनी दी कि गुटबाजी और अनुशासनहीनता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व की इस चेतावनी का हरियाणा के नेताओं पर कितना असर दिखता है.

आलाकमान ने दिए स्पष्ट निर्देश

गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस लगातार बैठकें कर रही है. वहीं, हरियाणा में भी पार्टी नेताओं की खींचतान पर लगाम लगाने की कोशिशें जारी हैं. हैं. इसकी बानगी यह है कि सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस के दिग्गजों की एक अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में चुनावी चर्चा के साथ- साथ सभी को पार्टी द्वारा जारी दिशा- निर्देशों पर एकजुटता के साथ काम करने के विशेष निर्देश दिये गये.

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सामूहिक रूप से बढ़ना होगा आगे

बैठक में जिस तरह से आलाकमान खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से कहा कि अब “अकेला चलो” की परिपाटी से बाहर आकर एकजुटता के जरिए सामूहिक रूप से आगे बढ़ने का युग लाना होगा. पार्टी निश्चित तौर पर हरियाणा में संसदीय और विधानसभा चुनाव मजबूती के साथ जीतने में कामयाब होगी. राहुल गांधी ने साफ कहा कि हरियाणा में सामूहिक नेतृत्व के साथ- साथ सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा, तभी कांग्रेस सत्ता में आ सकती है. प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं को इस बात को गांठ बांध लेना चाहिए.

साथ ही, पार्टी आलाकमान की ओर से यह भी साफ कर दिया गया कि जीत के लिए सिर्फ एक जाति नहीं बल्कि सभी को साथ लेना होगा. इसके अलावा, हरियाणा के नेताओं को आपसी द्वेष और प्रतिशोध से दूर रहकर सभी का सम्मान करने का पाठ भी हाईकमान ने पढ़ाया और सभी को स्पष्ट शब्दों में यह भी समझाया कि अगर भविष्य में भी गुटबाजी जारी रही तो इसके लिए जिम्मेदार नेताओं को दंडित किया जाएगा. कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर भी किया जा सकता है. इन सबके अलावा, हरियाणा के सभी नेताओं को यह भी समझाया गया कि किसी भी तरह की कोई घोषणा नहीं होनी चाहिए.

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