चंडीगढ़। किसान आंदोलन पर सरकार के खिलाफ बने माहौल को लेकर कांग्रेस पार्टी के द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion)
में सता पक्ष की जीत हुई. सता पक्ष को प्रस्ताव के विरोध में 56 वोट मिले जबकि विपक्ष को प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट हासिल हुए.
जानकारी के अनुसार हरियाणा कांग्रेस विधानसभा में बजट सत्र के दौरान हरियाणा की गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion)लेकर आई थी. पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में हरियाणा कांग्रेस का कहना था कि बीजेपी जेजेपी सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर सरकार के खिलाफ लोगों में भारी रोष है. गठबंधन सरकार में सहयोगी जजपा पार्टी के कुछ विधायक भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ बोलते नजर आए थे. कुछ निर्दलीय विधायक भी गठबंधन सरकार के खिलाफ आवाज उठा चुके थे. इसी मौके को भुनाने के चक्कर में कांग्रेस पार्टी द्वारा यह अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में बजट सत्र के दौरान लाया गया था. कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी 30 विधायकों के हस्ताक्षर करवाकर प्रस्ताव विधानसभा स्पीकर को सौंप दिया था जिसपर 10 मार्च यानि आज के दिन के चर्चा व वोटिंग हुई. कांग्रेस इस अविश्वास प्रस्ताव में असफल रही.
सता पक्ष को मिले कुल 56 वोटों में से 40 बीजेपी पार्टी के अपने विधायक थे जबकि 10 वोट सरकार में सहयोगी जजपा पार्टी के मिलें. 5 वोट निर्दलीय विधायकों के प्राप्त हुए ,1 वोट हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक का मिला. जबकि विपक्ष को मिले कुल 32 वोटों में से 30 वोट उनके अपने विधायकों के थे. विपक्ष के खाते में पड़े 2 वोट निर्दलीय विधायक , मुंढाल विधानसभा से बलराज कुंडू व दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्ष को चैलेंज करते हुए कहा कि अगर उनके मन में अब भी कोई वहम रह गया हो तो हर 6 महीनों में अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. हम इसके लिए तैयार है.
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