चंडीगढ़ | हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने राजस्थान में चुनाव लड़ने पर JJP को घेरा है. बीरेंद्र सिंह का कहना है कि JJP राजस्थान में जीतने के लिए नहीं बल्कि हराने के लिए लड़ेगी. हरियाणा में एक भी सीट नहीं आएगी, राजस्थान में भी नहीं आएगी. अब वो अपनी पार्टी से चुनाव कब लड़ेंगे ये तो पता चल ही जाएगा. मुझसे उनके 50 साल के इतिहास के बारे में पूछें.
दोनों पार्टियों के नेताओं में चल रही जंग
आपको बता दें कि उचाना सीट को लेकर हरियाणा के दो राजनीतिक परिवारों चौटाला और बीरेंद्र सिंह के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है. दोनों ही उचाना सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं. बीरेंद्र सिंह का परिवार कई बार पार्टी पंच को जेजेपी से गठबंधन तोड़ने का बयान दे चुका है और पार्टी को इससे होने वाले नुकसान से बचने की सलाह भी दे चुका है. इधर JJP नेता इसे बीरेंद्र सिंह की हताशा करार देते हुए बार- बार कह रहे हैं कि उन्हें उचाना से लड़ने का वादा फ्रेम पर लिखवाना चाहिए.
JJP कर रही राजस्थान से चुनाव लड़ने की तैयारी
जननायक जनता पार्टी इस साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. जेजेपी राजस्थान में 25 से 30 सीटों पर चुनावी तैयारी कर रही है. राजस्थान में जाट मतदाताओं को लुभाने के लिए जेजेपी 25 सितंबर को राजस्थान में चौधरी देवीलाल जयंती मनाएगी. जेजेपी ने राजस्थान के कोटपूतली इलाके में भी रैली का आयोजन किया है. जेजेपी ने नागौर जिले में ऐतिहासिक मंदिर निर्माण के लिए करोड़ों रुपये का दान दिया है.
अजय चौटाला राजस्थान से दो बार बने विधायक
1989 में चौधरी देवीलाल राजस्थान से सांसद चुने गये. इसके बाद, चौधरी देवीलाल के पोते अजय चौटाला ने भी अपना राजनीतिक सफर राजस्थान से शुरू किया. अजय चौटाला ने 1989 में दातारामगढ़ से और 1993 में नोहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. राजस्थान से इनेलो के चार विधायक भी चुने गए.
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