चंडीगढ़ | लोकसभा चुनाव में अपने आप को जीवित रखने के लिए जजपा ने चुनाव लड़ने को लेकर तस्वीर साफ कर दी है. जननायक जनता पार्टी (JJP) की 5 सदस्यीय कमेटी एनडीए का घटक दल होने के नाते सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करेगी. अगर बीजेपी हरियाणा की कोई भी लोकसभा सीट लड़ने के लिए उपलब्ध करा देती है तो ठीक है, नहीं तो जेजेपी राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.
जेजेपी हरियाणा में BJP सरकार में है साझेदार
अभी तक कयास लगाए जा रहे थे कि जेजेपी राजस्थान की तरह हरियाणा में भी लोकसभा चुनाव से किनारा कर सकती है. चूंकि राजस्थान में जेजेपी का संगठन अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए जेजेपी ने पहले ही वहां लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया है. जेजेपी हरियाणा में बीजेपी सरकार में साझेदार है, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच कोई चुनावी गठबंधन नहीं है.
पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयारी करने को कहा
इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को अभी से तैयारी करने को कहा गया है. साथ ही, 5 अलग- अलग कमेटियों का गठन किया गया है, जो लोकसभा चुनाव को गति प्रदान करेंगी. एनडीए का हिस्सा होने के नाते जेजेपी की लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में हिस्सेदारी है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने सभी 10 लोकसभा सीटों के लिए अपने पैनल केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दिए हैं.
2 लोकसभा सीटों पर JJP की नजर
जेजेपी की नजर दो लोकसभा सीटों, हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर है. अगर बीजेपी जेजेपी को एनडीए के सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने पर सहमत होती है तो जेजेपी को इनमें से एक सीट की पेशकश की जा सकती है. जेजेपी की चिंता ये है कि अभी तक बीजेपी की ओर से बैठक के लिए कोई बुलावा नहीं आया है. अभी दो दिन पहले राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी.
एनडीए के पाले में डाली गेंद
जेजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भविष्य की राजनीति से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले गेंद NDA पाले में डालने की रणनीति पर कदम उठाया है. JJP की 5 सदस्यीय कमेटी को NDA के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत कर एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है, ताकि उसके आधार पर अगला फैसला लिया जा सके.
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