चंडीगढ़ | हरियाणा में BJP- JJP गठबंधन पर छिड़ी रार के बीच जननायक जनता पार्टी ने राजस्थान में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की तैयारी कर ली है. पार्टी ने यहां पर होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में लगभग 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर दी है. यहां पर पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के उद्देश्य से जेजेपी के शीर्ष नेताओं ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की तैयारी
जजपा पार्टी का एकमात्र लक्ष्य किसी तरह 6% वोट शेयर बढ़ाकर पार्टी को नेशनल लेवल का दर्जा दिलाया जाए. इसीलिए पार्टी के शीर्ष नेता डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, उनके पिता अजय चौटाला और भाई दिग्विजय चौटाला समेत कई अन्य नेताओं की राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां देखने को मिल रही है. बता दें कि हाल ही में आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है. इसी तर्ज पर जजपा पार्टी भी विभिन्न राज्यों में अपना वोट शेयर बढ़ाकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की फिराक में है.
राजस्थान से हैं चौटाला परिवार के पुराने रिश्ते
बता दें कि राजस्थान में चौटाला परिवार के काफी पुराने रिश्ते हैं और जेजेपी इसी प्रयास में है कि परिवार के इन पुराने रिश्तों को जोड़कर राजनीतिक जमीन मजबूत की जाए. यही कारण है कि दुष्यंत चौटाला नागौर जिले के खरनाल में वीर तेजा जी का भव्य मंदिर बनवा रहे हैं और राजस्थान के जाटों में वीर तेजा जी को लेकर बहुत श्रद्धा है. यहां उन्होंने मंदिर के लिए 6 करोड़ की राशि और एक गाड़ी दान की है.
इनसो के जरिए युवाओं में पैठ बनाने की कोशिश
वहीं, दिग्विजय चौटाला छात्र राजनीति के जरिए इनसो और जेजेपी पार्टी को मजबूती देने में जुटे हुए हैं. पिछले दिनों जयपुर में इनसो का बड़ा सम्मेलन आयोजित हुआ था. यहां की एक यूनिवर्सिटी में इनसो का अध्यक्ष है और दो कालेजों में पदाधिकारी भी चुनकर आए थे. उनके पिता अजय चौटाला भी लोकदल पार्टी से सीकर की दाताराम गढ़ और श्रीगंगानगर जिले की नोहर सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. ऐसे में पार्टी का प्रयास है कि पुराने राजनितिक वर्चस्व को फिर से हासिल किया जाए.
सीकर से सांसद रहे हैं चौधरी देवीलाल
स्व. चौधरी देवीलाल राजस्थान की सीकर सीट से लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने थे. यहां से उन्होंने दिग्गज नेता बलराम जाखड़ को पटखनी दी थी. इन चुनावों में देवीलाल रोहतक और सीकर दो लोकसभा क्षेत्र से सांसद जीतकर आए थे लेकिन जब उपप्रधानमंत्री बनने का समय आया तो उन्होंने रोहतक लोकसभा सीट को छोड़कर सीकर से सांसद बने रहने का फैसला लिया था. शुरुआत से ही चौटाला परिवार की साथ लगते राज्यों में पार्टी का विस्तार करने की कोशिश रही है लेकिन बाहरी राज्यों में पार्टी को उम्मीद के अनुरूप कामयाबी नहीं मिली.
डिप्टी सीएम का बयान
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राजस्थान में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने हैं और हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है. हरियाणा में हम बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल हैं और राजस्थान में भी मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमति बनती है या नहीं ये तो समय ही बताएगा. हर पार्टी अपने संगठन का विस्तार चाहती है और इसी कोशिश में हम भी पार्टी को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.
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