चंडीगढ़ | एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमिटी (APMC) अधिनियम में बदलाव को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हामी भर दी है. किसान आंदोलन को लेकर इसे मुख्यमंत्री खट्टर का बड़ा दांव माना जा रहा है. इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष निजी विधेयक लाए थे परंतु किन्हीं तकनीकी कारणों से वह विधेयक रद्द हो गया था.
मुख्यमंत्री ने रखा समिति बनाने का प्रस्ताव, विपक्ष भी है सहमत
बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में कहा कि APMC अधिनियम के सेक्शन 8 A या 42 को हटाने के लिए तैयार हैं. परंतु पूरा सदन इसके लिए एकमत होना चाहिए. इसमें कानून के विशेषज्ञों की एक समिति बना देते हैं. समिति की सिफारिशों के मुताबिक आगे के कदम उठाए जाएंगे. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को समर्थन दिया और कहा कि वह किसान हित और प्रदेश हित में सरकार के साथ हैं.
यह पांच विधायक हो सकते हैं समिति के सदस्य
सभी दलों के 5 विधायकों के नाम भी मुख्यमंत्री ने समिति के लिए सदन में लिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जेजेपी से राम कुमार गौतम, बीजेपी से सुधीर सिंगला, अभय यादव, कांग्रेस से किरण चौधरी व बीबी बतरा को समिति में शामिल किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई अन्य नाम भी सुझाना हो तो शुक्रवार तक बता सकते हैं. शुक्रवार को सभी नाम फाइनल हो जाएंगे. जिससे समिति की गठन प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो सके.
हुड्डा के निजी विधेयक की भी थी यही भावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेक्शन 42 को हटाने से ऐसा ना हो जाए कि जमीन के मामलों में किसान कोर्ट कचहरी के चक्कर ही लगाता रह जाए. किसानों को इससे बचाने हेतु कोई नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी. समिति में शामिल सदस्य अध्ययन करने के पश्चात कोई ऐसा रास्ता निकालेंगे जिससे किसानों का हित होगा. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी ओर से लाए गए निजी विधेयक की भी यही भावना थी. वह भी यही चाहते हैं कि APMC अधिनियम में ऐसा संशोधन किया जाए कि किसानों को ऐसा अधिकार मिल जाए, जिससे उनकी जमीन को कोई हड़प न पाए.
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