मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने अध्यादेश पर विरोध जता रहे किसानों को दिया ये सन्देश

चंडीगढ़ | सरकार द्वारा किसानो की भलाई के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया है जिस पर कई तरह की अफवाहें फ़ैल रही हैं. उनका खंडन करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्मंयत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के सकारात्मक प्रयासो के कारण देश पिछले 6 सालों से लगातार उन्नति कर रहा है, हर क्षेत्र में भारत आगे हो रहा है इसीलिए कृषि क्षेत्र में भी भारत को आगे बढ़ाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया जिससे किसानो की आर्थिक स्तिथि सुधर सके. लेकिन, इस पर भी अफवाहें फ़ैल रही हैं कि इस अध्यादेश के आने से मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. जिससे किसानो में विरोध की भावना जग रही है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है.

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Krishan Pal Gujjar

केंद्रीय मंत्री किसानो को ये भरोसा दिला रहे हैं कि सरकार किसी भी तरह कि जमाखोरी नहीं होने देगी. सरकार इस भण्डारण पर अपना अधिकार रखेगी. इसके अलावा, इस अध्यादेश के अनुसार किसान अपनी फसल को पूरे देश में कहीं भी बेच सकते हैं उन्हें पूरी आजादी मिलेगी. किसान अपनी फसल स्थानीय स्तर या प्रदेश स्तर पर भी बेच सकता है या फिर पूरे भारत में कहीं भी जहां किसान की मर्जी हो. पहले यह सुविधा सिर्फ उद्योगपतियों के लिए ही थी लेकिन, अब किसानो को भी इसका लाभ मिलेगा.

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इसके अलावा इन अध्यादेशों में कहीं भी (एमएसपी) न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं हुआ है. इन सबके बारे में झूठी अफवाहें फ़ैल रही हैं जबकि इस अध्यादेश के अनुसार किसान अपनी मर्जी से मंडी जाकर एमएसपी में अनाज बेचे या मंडी से बाहर उससे भी अधिक दामों में बेच सकता है उस पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, इस बार सरकार ने खरीफ की फसल के खरीद के लिए तैयारी कर रखी है. हरियाणा में धान की खरीद के लिए 400 केंद्र, बाजरा की खरीद के लिए 200 तथा मूँग के 30 खरीद केंद्र निर्धारित किये गए हैं.

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इन केन्द्रो पर किसान अपनी फसल एमएसपी पर दे सकते हैं. इसके अलावा, इस अध्यादेश के अनुसार कोई भी व्यापारी खेती की आड़ में किसान के खेत नहीं जा सकेगा यदि किसी वजह से किसान के खेत पर टूबवेल या पालीहाउस बनवाता है और यदि 3 महीने के अंदर उसने ये सब नहीं हटाया तो उस खेत का मालिक ही इन सबका भी अधिकार होगा. यह अध्यादेश किसानो के हित में बनाया गया है ताकि किसान आर्थिक रूप से संपन्न बन सके और एक बेहतर जीवन जी सके. किसानो को इस अध्यादेश का लाभ उठाना चाहिए.

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