नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी से रखा था राष्ट्रीय राजनीति में कदम, फिर यहीं से ठोकेंगे ताल

रेवाड़ी | हरियाणा के जिला रेवाड़ी में एम्स की आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को आएंगे. 2024 के चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर हरियाणा और राजस्थान के वोटरों को एक साथ लुभाने के लिए रेवाड़ी को चुना है. माना जा रहा है कि 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री का चेहरा बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने रेवाडी में पूर्व सैनिकों की रैली को संबोधित कर राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा था. 2019 के विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में मोदी ने रेवाड़ी में भी चुनावी रैली की थी.

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2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एम्स के शिलान्यास के बहाने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेवाड़ी में कार्यक्रम फाइनल होते ही केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में भाजपा नेता और कार्यकर्ता तैयारियों में जुट गए हैं.

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एम्स में होंगी ये सुविधाएं

देश का 22वां एम्स रेवाडी के माजरा गांव में 210 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. इससे दक्षिणी हरियाणा और राजस्थान के लोगों को भी फायदा होगा. करीब 1300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एम्स में 750 बेड का अस्पताल, 100 सीटों वाला एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज, 25 सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी और एक नर्सिंग कॉलेज की सुविधा भी होगी.

विवादों के कारण निर्माण में देरी के कारण 5 साल में एम्स का अनुमानित बजट करीब 400 करोड़ रुपये बढ़ गया है. राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण पर खर्च की जाने वाली राशि केंद्रीय बजट से अलग है.

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2015 में की थी घोषणा

हरियाणा के रेवाडी के मनेठी माजरा में बन रहे एम्स का शुरू से ही विवादों से नाता रहा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2015 की बावल रैली में एम्स की घोषणा की थी. घोषणा के चार साल बाद 2019 में केंद्र ने न सिर्फ इसकी मंजूरी दी बल्कि 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट भी आवंटित कर दिया. इसके बाद, वन विभाग ने एम्स के लिए दी गई मनेठी की पंचायती जमीन को अरावली क्षेत्र की बताकर उस पर अपना दावा ठोककर नई समस्या खड़ी कर दी.

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लंबी जद्दोजहद के बाद राज्य सरकार ने जमीन खरीदकर एम्स को देने का फैसला किया, लेकिन ज्यादा मुआवजे की मांग इसमें बाधा बन गई. जैसे ही समझौता पटरी पर आने लगा तो माजरा के कुछ किसानों ने अपनी जमीन पोर्टल पर अपलोड नहीं की और 2023 की आखिरी तिमाही तक जमीन अधिग्रहण को लेकर कोई न कोई विवाद सामने आता रहा. भूमि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को हस्तांतरित होने के बाद यह केंद्र राज्य सरकार बन गई. अब मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से पीएमओ ने शिलान्यास के लिए 16 फरवरी का दिन तय किया है.

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