गुरुग्राम | राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने के फार्मूले को भारतीय जनता पार्टी (BJP) हरियाणा में भी लागू करने की योजना बना रही है. बताया जा रहा है कि गुरुग्राम से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लडेंगे. उनकी जगह बेटी आरती राव लोकसभा चुनाव लडेगी. फिलहाल, वो महेन्द्रगढ़ लोकसभा सीट पर सक्रिय हैं और दुसरा विकल्प गुरुग्राम रहेगा.
दक्षिण हरियाणा को साधने का प्रयोग
रामपुरा हाउस परिवार के नाम से मशहूर राव इंद्रजीत सिंह के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खुद केन्द्रीय मंत्री भी यही चाहते हैं. वहीं, दक्षिण हरियाणा को साधने के लिए भी भारतीय जनता पार्टी इस तरह का प्रयोग कर सकती हैं. हालांकि, अंतिम निर्णय बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व पर निर्भर करेगा.
दक्षिण हरियाणा की 15 सीटों पर प्रभाव
गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान में बीजेपी सांसद राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा में भी बड़े जनाधार वाले नेता हैं. गुरुग्राम से लेकर भिवानी तक 15 विधानसभा सीटों पर उनका सीधा प्रभाव है. ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह के जरिए बीजेपी इन सीटों पर मतदाताओं को साधने की कोशिश में रहेगी.
5 बार के सांसद राव इंद्रजीत सिंह
2014 में कांग्रेस पार्टी छोड़ कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले राव इंद्रजीत सिंह रेवाड़ी की जाटूसाना सीट से विधायक रहने के साथ ही पांच बार के सांसद भी हैं. दो बार वे महेन्द्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं और इसके बाद 2009 से वह गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार सांसद चुने जा चुके हैं. फिलहाल, वह केन्द्र सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का पदभार संभाल रहे हैं. बढ़ती उम्र के चलते उन्होंने अपनी बेटी को सक्रिय कर दिया है.
2019 के विधानसभा चुनावों में भी वह अपनी बेटी को चुनावी रण में उतारने की तैयारी कर चुके थे लेकिन बीजेपी ने रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से उनकी बेटी को टिकट नहीं दी. लेकिन अब खुद उनकी बेटी ही लंबे समय से चुनाव लड़ने की घोषणा करती आ रही है. हालांकि, वो किस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में होगी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है.
मुख्यमंत्री रहे हैं उनके पिता
राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह की गिनती हरियाणा के दिग्गज नेताओं में रही है और वे इंदिरा गांधी के शासनकाल में हरियाणा का सीएम रहने के साथ ही केन्द्र सरकार में कई बड़े मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं. हालांकि, राव इंद्रजीत सिंह के मन में भी हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश थी और 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद उनके सीएम बनने की चर्चाएं चली थी लेकिन इन चर्चाओं में कोई दम नहीं निकला.
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