पंचकूला | शुक्रवार का दिन हरियाणा में महिलाओं के लिए ऐतिहासिक रहा, क्योंकि प्रदेश में आधी आबादी यानी महिलाओं को पंचायती राज व्यवस्था में 50% हिस्सेदारी मिल गई है. चूंकि कल विधानसभा पटल पर पंचायती राज व्यवस्था में 50% भागीदारी महिलाओं की हो, इस बारे में प्रस्ताव लाया गया जो निर्विरोध पास हो गया है. अब ऑड- ईवन के आधार पर सीटें आरक्षित होंगी अर्थात अगर एक बार पुरुष सरपंच बनेगा तो दूसरी बार महिला सरपंच बनेगी.
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि ताऊ देवीलाल का लंबे समय से यह सपना रहा है कि पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को आधी हिस्सेदारी मिले जो आज सभी के लिए नजीर बन कर पेश हुआ है. इससे महिलाओं का वास्तविक रूप से सशक्तिकरण होगा, विकास होगा एवं उनमें कुछ बड़ा करने हेतु उत्साह का संचार होगा.
उन्होंने इस बारे में बात करते हुए बताया कि यह व्यवस्था केवल ग्राम पंचायतों में ही नहीं अपितु ब्लॉक समितियों व जिला पंचायतों में भी लागू होगी, अतः अब आगे होने वाले चुनावों में जिला एवं ब्लाक समिति के सदस्य व चेयरमैन के पद के लिए भी सम विषम फार्मूले को ही आधार बनाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि बीसीए वर्ग को ग्राम पंचायत के चुनाव में पहली बार 8% आरक्षण देने वाला बिल भी पास हो गया है जिससे पंचायती राज व्यवस्था में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ेगा.
राइट टू रिकॉल बिल भी पास
इसके साथ ही विधानसभा में राइट टू रिकॉल बिल भी पास हो गया है, जिसके बारे में डिप्टी सीएम ने बताया कि यदि गांव के 33% मतदाता सरपंच के खिलाफ अविश्वास मत पारित कर इसकी लिखित शिकायत खंड विकास पंचायत अधिकारी को देते हैं, तो इस बारे में विचार करके ग्राम सभा के बीच 2 घंटे की चर्चा बुलाई जाएगी, जिसके बाद गुप्त मतदान होगा जिसमें यदि 67 प्रतिशत मतदाता सरपंच के खिलाफ वोट देते हैं तो सरपंच को अपने पद से इस्तीफा देना होगा. हालांकि इसके लिए सरपंच का 1 साल का कार्यकाल पूरा होना आवश्यक है.
विधानसभा में इस मौके पर मंत्री अनूप धानक समेत सभी दिग्गज नेता शामिल थे.