रेवाडी | हरियाणा के रेवाड़ी (Rewari) शहर के रामगढ़ रोड पर सेक्टर- 12 में बनने वाले नए बस स्टैंड की जमीन से अतिक्रमण हटाने के बाद इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है. पिछले माह ही रोडवेज प्रशासन ने अवैध कब्जा हटवाया था. इसके बाद, जमीन कब्जा मुक्त हो गई थी. रेवाडी डिपो को 50 इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses) की खेप मिलने वाली है, जिसके चलते तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
13.96 करोड़ रुपये की राशि होगी खर्च
इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने पर 13.96 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. निकट भविष्य में इन बसों की संख्या 150 तक बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए रोडवेज की ओर से नए बस स्टैंड परिसर में 90 गज जमीन पर चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे और पूरा स्टेशन तीन एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा.
यहां बन रही बिल्डिंग में करीब 170 चार्जिंग प्वाइंट लगाने की क्षमता तय की गई है. चार्जिंग प्वाइंट के लिए रैक जैसी मशीनें होंगी, जिन्हें चालू करने के बाद बसें बिल्डिंग के बाहर खड़ी कर चार्ज की जाएंगी. इससे सभी बसों को एक साथ चार्ज किया जा सकेगा.
रेवाडी डिपो हेतु 50 बसों का आवंटन
मुख्यालय द्वारा रेवाडी डिपो के लिए 50 बसें आवंटित की गई हैं. इनकी खरीद प्रक्रिया भी चल रही है. ऐसे में संभावना है कि जून में इन बसों की खेप रेवाड़ी डिपो को मिल जाएगी. इसी वजह से शहर के सेक्टर- 12 में बन रहे नए बस स्टैंड पर चार्जिंग स्टेशन का प्रावधान किया जाएगा. तैयार की गई ड्राइंग में चार्जिंग स्टेशन की जगह तय की गई थी जबकि पहले ऐसा नहीं था. जब प्रशासन को पता चला कि इलेक्ट्रिक बसें आवंटित की जाएंगी तो ड्राइंग में बदलाव कर चार्जिंग स्टेशन जोड़ दिया गया.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत मिलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण समय- समय पर जीआरपी नियमों के तहत बीएस- 4 वर्जन बसों पर प्रतिबंध लगाया जाता है. रोडवेज के पास बीएस- 6 बसों की कमी है, जिसके कारण दिल्ली रूट पर बसें इस समय बहुत कम चल रही हैं और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यात्रियों की सुविधा को लेकर बातचीत के बाद राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकाला और जल्द ही बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने का आश्वासन दिया. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने एनसीआर के 4 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया था. इसके तहत, गुरुग्राम- फरीदाबाद के साथ- साथ रेवाडी को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया.
जमीन को लेकर 10 साल तक चला कोर्ट में मामला
मौजूदा बस स्टैंड वर्ष 1973 में बनकर तैयार हुआ था. तब से डिपो लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहा है. बस स्टैंड भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित है और इसकी इमारत जर्जर है. बरसात के दिनों में बस स्टैंड भवन का प्लास्टर भी गिरता रहता है. पुराने बस स्टैंड को स्थानांतरित करने के लिए वर्ष 2011 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) से लगभग 20 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था.
इसके बाद, मुआवजे को लेकर मामला कोर्ट में चला गया. पिछले महीने ही पूरी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था. डिपो की ओर से बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर फाइल विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है.
अधिकारी ने कही ये बात
रेवाड़ी के जीएम देवदत्त ने बताया कि पिछले माह ही बस स्टैंड की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था. रेवाडी डिपो को इलेक्ट्रिक बसें मिलने जा रही हैं. सेक्टर 12 स्थित रोडवेज की जमीन पर चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा.
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