हरियाणा के इस जिले में बना देश का पहला ग्रीन एनर्जी उत्पादन प्लांट, जानिए इसकी खासियत

रेवाड़ी । हरियाणा में देश का पहला हरित ऊर्जा संयंत्र लगाया जा चुका है यह हरित ऊर्जा संयंत्र पराली से बिजली उत्पन्न करता है, आपको बता दें की यह प्लांट रेवाड़ी के खुरसैद नगर गांव में स्थापित किया गया है. बताया जा रहा है कि पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ते हुए इस संयंत्र को प्रदूषण मुक्त होने के साथ-साथ बिजली उत्पादन में सबसे सफल कदम माना जा सकता है.

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इस प्लांट के माध्यम से पराली से उत्पन्न बिजली बिसोहा 33-केवी सब-स्टेशन को प्रदान की जा रही है, जिससे सब-स्टेशन से बिसोहा गाँव तक बिजली की नियमित आपूर्ति शुरू हो गई है. यह ‘बायोमास गैस मेथड’ पर काम करता है, जिस वजह से पर्यावरण को प्रदूषित करने की कोई संभावना नहीं रहेगी.

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इतने लोगों को मिला रोजगार

डीसी यशेंद्र सिंह ने कहा कि देश के लिए पराली से बिजली पैदा करने के लिए उठाए जा रहे कदमों में रेवाड़ी जिला अग्रणी बनता जा रहा है. ग्रीन एनर्जी प्लांट में बिना प्रदूषण के 24 घंटे में 600 क्विंटल पराली से 48 हजार यूनिट बिजली चालू की गई है. इस प्लांट में करीब 150 लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है.

यह है इसकी खासियत

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ नाहद दीपक कुमार ने कहा कि यह पहला पूर्णत: प्रदूषण मुक्त पंचकूला नवीकरण ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा स्वीकृत प्लांट है. इसमें 400 kW क्षमता के पांच इंजन हैं. पांच इंजनों द्वारा उत्पादित गैस से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. डीएचबीवीएन के 33 केवी सब स्टेशन बिसोहा को प्रति घंटे 2 मेगावाट बिजली प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह प्लांट बायलर की जगह बायोमास गैस मेथड पर काम कर रहा है.

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उन्होंने बताया कि रेवाड़ी जिले में ग्रीन एनर्जी प्लांट देश का पहला ऐसा पावर प्लांट है, जिसमें 400 किलोवाट क्षमता के 5 इंजन लगाए गए हैं और इसमें बॉयलर सिस्टम की जगह बायोमास गैस विधि से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.

इस जगह लगा है प्लांट

ग्राम खुर्शीद नगर (झोलारी की ढाणी) के राजपाल ने बताया कि उन्होंने मुमताजपुर मार्ग पर अपनी पांच एकड़ जमीन में यह हरित ऊर्जा संयंत्र लगाया है. जिसमें बिना प्रदूषण के दो मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है. इसमें पराली जलाने की जगह भाप से गलाकर बिजली पैदा की जा रही है. उन्होंने कहा कि पावर प्लांट में इंजन स्टबल गैस से चलेंगे और यह अपनी तरह की पहली तकनीक है.

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