रेवाड़ी | आज महिलाएं किसी से भी कम नहीं हैं, महिलाएं हर क्षेत्र में बड़े- बड़े पदों पर आसीन हैं. आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बताने वाले हैं, जिस गांव की बेटियों ने अपनी मेहनत के दम पर गांव का नाम रोशन किया है. यह गांव हरियाणा के जिला रेवाड़ी में है. बता दें कि गांव लुखी में हर तीसरे घर में एक बेटी अध्यापक है.
हर तीसरे घर से एक बेटी टीचर
बता दें कि चार हजार की आबादी वाले इस गांव के हर तीसरे घर से एक बेटी टीचर है. गांव में कुल 900 घर हैं. 400 से ज्यादा बेटियां सरकारी नौकरी में हैं. इनमें करीब 325 शिक्षिका हैं. गांव की कुल आबादी 2000 है. सोहनलाल के प्रयासों के चलते 1949 में गांव में लड़कियों के लिए स्कूल खुला था.
गांव में देवी- देवता का मंदिर नहीं
विशेष बात यह है कि गांव में किसी देवी- देवता का मंदिर तक नहीं है. यहां सिर्फ शिक्षा की पूजा होती है. लड़कों की तरह लड़कियों के जन्म पर कुंआ पूजन होता है. कुआं पूजन भी बहुत धूमधाम से होता है. इस गांव में जो व्यक्ति ज्यादा पढ़ा- लिखा होता है उसे पंडित जी की उपाधि दी जाती है. शादी और धार्मिक कार्यक्रमों में परिवार का ही कोई सदस्य पंडित बनकर रस्मों को पूरा कराता है. गांव के लोगों द्वारा किया जा रहा कार्य चर्चा का विषय बना रहता है.
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