रेवाड़ी | भारतीय समाज में आमतौर पर शादी के बाद ज्यादातर लड़कियों की जिंदगी बदल जाती है. वे लड़कियां अपना करियर छोड़कर पारिवारिक जिम्मेदारियों व सास- ससुर की सेवा में लग जाती हैं लेकिन ऐसा भी नहीं है कि शादी के बाद लड़कियां कुछ कर ही नहीं सकती. अगर ससुराल और पति का सहयोग मिले तो लड़कियां शादी के बाद भी सफलता के झंडे गाड़ सकती हैं.
इस बात का जीताजागता उदाहरण हैं आईएएस अधिकारी पुष्पलता यादव. यादव ने शादी के बाद 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा ऑल इंडिया 80वीं रैंक के साथ पास की. आइए जानते हैं पुष्पलता की सफलता की दास्तां…
रेवाड़ी की रहने वाली हैं पुष्पलता
IAS पुष्पलता यादव मुख्य रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं. रेवाड़ी में उनका एक छोटा सा परिवार है. उनका जन्म यहीं हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही की, उन्होंने 2016 में बीएससी क्लियर की. इसके बाद, उन्होंने पीजी (स्नात्तकोत्तर) की और उसके बाद एमबीए की डीग्री भी हासिल कर ली.
प्राइवेट जॉब के साथ- साथ दी यूपीएससी के सपनों को उड़ान
एमबीए करने के पश्चात, पुष्पलता यादव अपने खर्चे के लिए एक निजी कंपनी में नौकरी करने लगीं. निजी सेक्टर में नौकरी के बाद वह दो वर्ष तक सरकारी नौकरी की भी तैयारी करती रही. करीब 2 साल बाद उन्हें स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी मिल गई. स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में नौकरी मिलने के दो साल पश्चात उन्होंने 2011 में ब्याह कर लिया और मानेसर, हरियाणा चली गईं.
शादी के करीब चार साल बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का मन बनाया. फिर उन्होंने 2015 में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद से इस्तीफा दे दिया और पूरी तरह से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गईं.
पति ने तैयारी के लिए किया प्रोत्साहित
पुष्पलता यादव ने स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद की असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया लेकिन अब उन पर दो साल के बेटे की भी जिम्मेदारी रही. एक इंटरव्यू में पुष्पलता बताती हैं कि उन्होंने 5 साल तक किताब को छुआ तक नहीं था लेकिन मेरे पति ने मुझे तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया. पुष्पलता के पति और ससुराल के अन्य लोगों ने उनका पूरा सहयोग किया.
जब वह तैयारी कर रही थीं तो पति बेटे का ख्याल रखते थे. पुष्पलता सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान देती थीं, वह सुबह चार बजे उठ जाती थीं. इसके बाद, छह से सात बजे तक पढ़ाई करती थी. इसके बाद, वह बच्चे को दोबारा स्कूल भेजकर पढ़ाई कराती थीं.
तीसरे प्रयास में सफल हुईं पुष्पलता
उन्होंने बताया कि वह तीसरे प्रयास में यूपीएससी सफल हो गईं. वह दो प्रयासों में मुख्य परीक्षा में उपस्थित नहीं हुई लेकिन वह निराश नहीं हुईं. आख़िरकार मेहनत रंग लाई और साल 2017 में उनका यूपीएससी में फाइनल सेलेक्शन हो गया. उन्होंने ऑल इंडिया 80वीं रैंक हासिल की.
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