हरियाणा: ऐसा परिवार जहां 111 लोग चौथी पीढी समेत रहते हैं साथ, किसी फिल्म से कम नहीं पीछे की कहानी

भिवाड़ी | बचपन में किताबों में आपने एक कहानी तो जरूर पढ़ी होगी. वह कहानी है एकता में बल है. उस कहानी में एक बूढ़ा व्यक्ति जब अपनी जिंदगी के अंतिम पड़ाव में होता है तो वह अपने सभी बेटों को बुलाकर एक-एक लकड़ी तोड़ने के लिए देता है और वह आसानी से तोड़ देते हैं. उसके बाद एक साथ कई लकड़ियां तोड़ने के लिए दी जाती है. कोई उसे नहीं तोड़ पाता है. उसके बाद वह बूढ़ा व्यक्ति इसी लकड़ियों की तरह एकजुट रहने के लिए सभी बेटों को बोलकर जिंदगी से चला जाता है. आज ऐसी ही एक कहानी हुबहू सामने आई है.

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भिवाड़ी (राजस्थान) के मिलकपुर में एक ऐसा परिवार है जहां 111 लोग साथ में रहते हैं. यह परिवार भिवाड़ी और आसपास क्षेत्रों में संगठित परिवार की एक नजीर बन चुका है. बता दें कि परिवार को देखने के लिए लोग दूर-दूर से भी आते हैं.

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यह है पीछे की कहानी

परिवार के सबसे बड़े और उम्रदराज सदस्य 82 वर्षीय रतिराम का कहना है कि उनके पिता जब अंतिम सांसे गिन रहे थे तो उन्होंने अपने सभी छह बेटों को अपने पास बुलाया और कहा कि हमेशा एक साथ रहना, क्योंकि एक साथ रहोगे तो उन्नति करोगे. बेटों ने अपने पिता की यह बात मानी. दादा जगराम का देहांत 2002 में हो गया था. आज भी परिवार 20 साल से सब एक साथ एक ही घर में रहते हैं. इन बेटों की पढ़पोतिया- पढ़पोते हो चुके हैं. मगर अपने दादा जगराम की समझाई गई बातें आज भी बेहतर तरीके से निभा रहे हैं.

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बता दें कि कुछ समय पहले तक यह परिवार खाना एक साथ ही बनाया करता था और मिलकर खाना खाते थें. मगर अपने काम कार्यों में व्यस्त होने की वजह से अपनी सहूलियत के हिसाब से परिवार अपना खाना अलग बनाता है. मगर कोई त्यौहार, कार्यक्रम या दुख सुख हो, सभी साथ रहते हैं.

महल से कम नहीं है घर

रतिराम का घर किसी महल से कम नहीं है. मकान में पूरे 54 कमरे हैं. भाईयों के हिस्से में 9-9 कमरे आए हैं. एक तीन मंजिला बैठक भी है. परिवार का दबदबा इतना कायम है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई मंत्री और विधायक यहां पर आते रहते हैं.

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चौथी पीढ़ी भी रहती है साथ

  • बताते चलें कि परिवार में रतिराम की तीन बेटियां, दो बेटे, सात पोते, 5 पोतियां और 4 पड़पोते हैं. यह सभी दूध का काम करते हैं.
  • दूसरे नंबर पर भाई सूबेदार भीम सिंह के 3 बेटे, 5 पौते, 5 पोतियां और 3 पड़पोतियां हैं. यह सभी कंपनियां चलाते हैं
  • फतेह सिंह के 2 बेटे, 1 बेटी, 3 पोतें और 2 पोतियां है. यह कंपनी और मरीज होम चलाते हैं.
  • जसवंत के 2 बेटे, 1 बेटी, 4 पोतें और 1 पोती है. यह परिवार प्रोपर्टी व्यवसाय और किराए का काम करता है.
  • जगत के 2 बेटे, 1 बेटी, 3 पोते, और 3 पोतियां हैं. वह खुद कंपनी में काम करते हैं और पीजी चलाते हैं.
  • अभय सिंह के 2 बेटे, 1 बेटी, 2 पोते और 2 पोतियां हैहै. इनका भी किराए का काम है.
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