रेवाड़ी | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने माजरा गांव में बहुप्रतीक्षित एम्स परियोजना की आधारशिला रखने की घोषणा की थी. जिसके बाद अब एम्स संघर्ष समिति ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए 19 दिसंबर को रेवाड़ी के मनेठी शहर में एक दिवसीय धरना देने का फैसला किया है. इस धरने की सूचना एम्स संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने दी है.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि इस 1 दिन के धरने में समिति आसपास के 55 गांवों के निवासियों को सरकार के सुस्त रवैये के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए धरने में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगी. जिसके लिए एक पैम्फलेट भी प्रकाशित हुआ है. जिसमें ग्रामीणों से अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर क्षेत्र की बेहतरी के लिए आवाज उठाने को कहा गया है.
पढ़िए क्या है पूरा मामला
माजरा गांव के किसानों ने कई महीने पहले परियोजना के लिए कुल 228 एकड़ की पेशकश की थी. सरकार ने इसे 40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदने की घोषणा की थी. किंतु सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए अभी तक खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसलिए एम्स संघर्ष समिति ने धरना देने का फैसला किया है. विरोध के लिए आसपास के 55 गांवों के निवासियों को आमंत्रित करने के लिए 10,000 पर्चे भी प्रकाशित किए हैं
एम्स संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजेंद्र निमोथ ने कहा कि यह हमारी समझ से परे है कि अगर सरकार माजरा गांव में परियोजना स्थापित करने का इरादा रखती है तो जमीन खरीदने की प्रक्रिया क्यों शुरू नहीं की जा रही है. बिना जमीन खरीदे सरकार इसका शिलान्यास कैसे कर सकती है. इस परियोजना में अनावश्यक रूप से देरी हो रही है.
जानिए संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने क्या कहा
समिति के अध्यक्ष श्योताज सिंह ने बताया कि उन्होंने सरकार को परियोजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पर्याप्त समय दिया है. किंतु बयान जारी करने के अलावा कुछ नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा इसलिए हमारे पास शांतिपूर्ण धरना देकर देरी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
कांग्रेस के प्रवक्ता वेद प्रकाश ने कहा कि भाजपा के बयानों और कार्यों में बहुत बड़ा अंतर है. यह परियोजना के बारे में गंभीर नहीं है. इसलिए वह प्रस्तावित जमीन भी नहीं खरीद रहा है.
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