रेवाड़ी | एक तरफ दहेज प्रथा अनेकों लड़कियों के घर बसने से पहले ही उजाड़ने का काम कर रहा है तो वहीं इसी समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दहेज प्रथा पर कुठाराघात करते हुए समाज के लिए मिसाल कायम कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है, रतनथल निवासी मोहित और उस्मापुर निवासी तपेश ने. दोनों बचपन से एक साथ पले- बढ़े और पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्छी नौकरी भी मिल गई लेकिन दोनों ने बचपन में ही शपथ ली थी कि वह दहेज रहित विवाह सम्पन्न करेंगे.
दोनों एक- दूसरे की शादी के बने गवाह
पढ़ाई पूरी करने के बाद मोहित को एयरफोर्स में नौकरी मिल गई थी तो तपेश को एक्साइज इंस्पेक्टर की नौकरी मिली. ग्रामीण परिवेश में रिवाज रहा है कि बच्चे अच्छी नौकरी पर है तो लड़के की शादी में खूब सारा दहेज लिया जाता है लेकिन इन दोनों दोस्तों ने शपथ ले रखी थी कि बिना दहेज के शादी करेंगे. परिवार के लोगों ने भी अपने बेटों की बात को स्वीकार किया और दहेज प्रथा जैसी बुराई को समाप्त करने के अभियान में हिस्सेदार बनें.
मोहित की शादी 14 नवंबर को भिवानी जिले के गांव खरक में हुई तो वही तपेश की शादी 28 नवंबर को राजस्थान के माचल गांव में हुई है. दोनों की शादी बड़े धूमधाम और सादगीपूर्ण तरीके से हुई और दोनों दोस्त एक- दूसरे की दहेज रहित शादी के गवाह भी बने. इस अवसर पर उन्होंने अन्य युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि बिना दहेज की शादी के अभियान का हिस्सा बनें ताकि दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म किया जा सकें.
हर किसी ने की जमकर सराहना
अक्सर बिना दहेज की शादी करने का दावा करने वाले सामान के रूप में दहेज स्वीकार करते हैं लेकिन मोहित और तपेश ने अपनी शादी में दहेज में किसी भी तरह का सामान लेने से स्पष्ट इंकार कर दिया. दोनों गांवों और आसपास के क्षेत्र में इन दोनों युवाओं की बिना दहेज शादी के चर्चे बने हुए हैं और हर कोई इनकी जमकर सराहना कर रहा है. वहीं, बुजुर्ग दोनों दोस्तों की शादी को समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण बता रहे हैं.
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