अब इस तकनीक से हाथो- हाथ मिलेंगे बिजली बिल, परेशानियों से मिलेगी राहत

रेवाड़ी | हरियाणा के रेवाड़ी में लोगों को अब बिजली के बिल के दौरान होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली निगम की ओर से बिजली संबंधी व्यवस्था को सुधारने के लिए के ऑनलाइन सिस्टम आरएपीडीआरपी (रिक्ट्रक्चर्ड एक्सलरेटिड डवलपमेंट एंड रिफॉर्म प्रोग्राम) स्कीम से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को काफी समस्याओं से निजात मिलेगी. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम नाहड़ की ओर से बिजली के बिलों का भुगतान नए सिस्टम आरएपीडीआरपी से जोड़ दिया गया है.

Bijli Bill

पहले ऐसा होता था बिल तैयार

पहले हारट्रोन नारनौल के माध्यम से बिल तैयार किए जाते थे. मीटर रीडर रीडिंग लाकर आफिस में जमा करता था. रीडिंग नारनौल भेजी जाती थी. बिल तैयार होने पर व्यक्ति को भेजकर उन्हें कलेक्ट कर उपभोक्ताओं में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता था. इससे समय तथा पैसा बर्बाद होता था. अब सीधे मीटर रीडर द्वारा बिल निकाल कर दिए जाएंगे.

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ऐसे मिलेगा लोगों को लाभ

रेवाड़ी के बिजली बोर्ड के एसडीओ दीपक ने बताया कि नए सिस्टम के तहत बिलों को 10 डिजिट के अंकों से जोड़ा गया है. इससे उपभोक्ताओं के बिलों की प्राइवेसी तथा एक्यूरेसी रहेगी. केवल उपभोक्ता या बिजली विभाग ही इसकी जानकारी ले सकता है. सिस्टम से बिजली बिलों की त्रुटियां नहीं हो सकेंगी. उपभोक्ताओं को मोबाइल पर तुरंत मैसेज मिलेगा. इस सिस्टम से मीटर रीडर द्वारा मीटर में मशीन लगाकर रीडिंग लेकर हाथों-हाथ बि निकालकर बॉक्स में रख दिए जाएंगे, जिसे उपभोक्ता प्राप्त कर सकेंगे.

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उपभोक्ताओं ने कही ये बात

उपभोक्ताओं ने बताया कि मीटर रीडर बिल निकालकर मीटर बॉक्स में रख कर चले जाते हैं. कुछ मीटर रीडर तो बिल गेट पर पटक जाते है, जिससे काफी बार बिजली बिल नहीं मिल पाता है. इसलिए पहले की तरह ही बिजली बिलों को घर-घर डिस्ट्रीब्यूट किया जाना चाहिए.

जानें क्या है आरएपीडीआरपी

रिस्ट्रक्चर्ड एक्सलरेटिड पावर डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म प्रोग्राम अर्थात पुनर्गठित त्वरित विद्युत विकास और सुधार कार्यक्रम केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में शुरू किया गया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिजली क्षेत्र में सकल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटे को कम करना और राज्य विद्युत उपयोगिताओं की उप- पारेषण और वितरण प्रणाली को स्थापित और उन्नत करके बिजली संसाधनों की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार करना है.

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