रेवाड़ी | हरियाणा के रेवाड़ी में हुए अरविंद मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इस मर्डर केस में आरोपी मां- बेटी को गिरफ्तार कर सबको हैरत में डाल दिया है. हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. वहीं, जूर्म को छिपाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से शव को ठिकाने लगाया गया था. हालांकि, इस हत्याकांड में शामिल अन्य तीन आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं.
जोहड़ में मिली थी लाश
बता दें कि 14 अप्रैल को रेवाड़ी जिले के रामगढ़ निवासी 45 वर्षीय अरविंद की लाश गोकलगढ़ से कालूवास की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर बने जोहड़ में तिरपाल में बंधी मिली थी. उसकी गर्दन को तेजधार हथियार से काटा गया था. वहीं, पास में ही पानी के गढ्ढों में उसका लोडिंग टेंपो भी खड़ा था. सदर थाना पुलिस ने इस मामले में मर्डर का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.
एसपी की तरफ से इस मामले की जांच के लिए CIA की एक टीम गठित की गई थी. इस टीम ने दो दिन तक पूरे मामले की गहनता से जांच की और फिर शक की सूई परिवार की तरफ घूमी. इसके बाद, पुलिस ने मां- बेटी को गिरफ्तार कर पूछताछ की.
घर पर ही उतारा था मौत के घाट
पुलिस ने मृतक अरविंद की पत्नी और बेटी से हिरासत में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि घर में दो युवकों का आना- जाना था. इन युवकों की अरविंद की बेटी से नजदीकियां थी, जो अरविंद को नागवार गुजरी. 12 अप्रैल को दोनों युवकों को घर पर देखकर अरविंद ने विरोध किया लेकिन उसकी पत्नी और बेटी उसी के विरोध में खड़ी हो गई.
जिसके बाद, दोनों युवकों ने एक अन्य साथी के साथ मिलकर घर में रखे तेजधार हथियार से अरविंद का गला काटकर उसे मौत के घाट उतार दिया. उस वक्त दोनों मां- बेटी वहीं मौके पर ही मौजूद थी. इसके बाद, शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई गई.
ऐसे ठिकाने लगाया शव
आरोपियों ने अरविंद के शव को उसके ही टैंपो में रखें तिरपाल और रस्सी से पैक किया और उसी टैंपो में शव को रखकर ठिकाने लगाने के लिए निकल पड़े. उन्होंने शव को काफी दूर लेजाकर ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी ताकि किसी की पकड़ में न आ सके.
गांवों के कच्चे रास्ते से गुजरते हुए गोकलगढ़ के पास स्थित जोहड़ के पास गढ्ढों में उनका टैंपो फंस गया था. उन्होंने काफी देर तक टैंपो को बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन वो इसमें कामयाब नही हो पाए. आखिरकार उन्होंने शव को वही जोहड़ में फेंक दिया और टैंपो को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए.
2 दिन पुलिस को नहीं दी सूचना
12 अप्रैल को अरविंद की पत्नी ने आसपास के लोगों को अरविंद के लापता होने की जानकारी दी लेकिन दो दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस को सूचना नहीं दी गई थी. ऐसे में जब शव बरामद हुआ तो सफाई दी कि अभी तक वह इसे ढूंढने में लगे हुए थे. यही से पुलिस ने अपनी जांच का नजरिया बदला और मां- बेटी को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बातें पुलिस के सामने उगल दी. हालांकि, इस हत्याकांड में शामिल अन्य तीनों आरोपी अभी फरार चल रहे हैं और पुलिस की टीमें इनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.
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