रेवाड़ी: डॉक्टरों के 55 में से 20 पद खाली, 9 लंबी छुट्टी पर, 4 साल से 64 स्टाफ नर्स की पोस्ट खाली

रेवाड़ी | कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से पहले रेवाड़ी के सरकारी अस्पतालों को उपचार की जरूरत है. नागरिक अस्पताल को 100 से 200 बेड का बनाने की घोषणा 1 साल पहले हो चुकी है. संसाधनों की बात करें तो यहां डॉक्टर, स्टाफ नर्स की भारी कमी है. राहत की बात यह है कि नागरिक अस्पताल में 8 वेंटिलेटर चालू है. अगर किसी को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी तो उसे अब अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है.

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व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए अनुबंध के आधार पर भर्ती की तैयारी चल रही है. रेवाड़ी के बाद कोसली में दूसरा सबसे बड़ा 50 बेड का सरकारी अस्पताल है. यहां भी तीन वेंटिलेटर लगाए जा चुके हैं. इसके अलावा बावल में दो वेंटीलेटर लगाए गए हैं. मई 2020 में रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल को 100 से बढ़ाकर 200 बेड का करने की घोषणा हुई थी.

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इसके लिए पीएमओ तक की नियुक्ति हो चुकी है. लेकिन स्टाफ 200 बेड का तो छोड़ो 100 बेड के लिए भी पर्याप्त नहीं है. पुरानी व्यवस्था की बात करें तो नागरिक अस्पताल में 55 डॉक्टरों की पोस्ट है. जिनमें से 20 पोस्ट खाली है. इनमें 9 डॉक्टर ऐसे हैं जो लंबे समय से ही छुट्टी पर चल रहे हैं. बचे हुए 30 डॉक्टरों पर ट्रामा सेंटर की जिम्मेदारी है. वही 4 साल से 64 स्टाफ नर्स और 9 नर्सिंग सिस्टम की पोस्ट खाली पड़ी है.

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बच्चों के लिए भी आरक्षित हुए बेड

कोरोना की तीसरी संभावित लहर में बच्चों पर खतरा ज्यादा बताया जा रहा है. इसके लिए नागरिक अस्पताल में 28 आईसीयू बेड आरक्षित है. इनमें 20 छोटे बच्चों के लिए है.

110 डॉक्टर व 180 स्टाफ नर्स की जरूरत

200 बेड के अस्पताल को चलाने के लिए रेवाड़ी में 110 डॉक्टर व 180 स्टाफ नर्स की जरूरत है. लेकिन कार्य 35 डॉक्टर है, जबकि स्टाफ नर्स 26 ही है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले पर्याप्त स्टाफ की दरकरार है. अगर समय पर स्टाफ की भर्ती नहीं हुई तो फिर पहले जैसी मुश्किल खड़ी हो सकती है. हालांकि स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अनुबंध के आधार पर स्टाफ की भर्ती की तैयारी चल रही है.

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सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. कृष्ण कुमार के अनुसार, संभावित तीसरी लहर से पहले हमारी तैयारी बड़े स्तर पर चल रही है. ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुका है. जरूरत के हिसाब से डॉक्टर की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है. हमारा पूरा फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाकर लोगों को अच्छा इलाज देने पर है.

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