हरियाणा के इन दो गांवों की बड़ी अनोखी कहानी: पहले एक साथ पढ़ी- खेली बेटियां, फिर एक- दूसरे के गांव की बनी बहूएं

रेवाड़ी | हरियाणा के रेवाड़ी जिले में एक साथ एक स्कूल में पढ़ी, एक साथ खेलकूद कर बड़ी हुई और फिर एक ही गांव में अगल- बगल वाले घरों की बहू बन गईं. पुराने समय में दो गांवों के बुजुर्गो ने जो रिश्ता कायम किया था, उसे आज भी गांव की नई पीढ़ी बखूबी निभा रही हैं. यह कहानी है रेवाड़ी जिले के दो गांव जैनाबाद और मंदोला की. इन गांवों के बीच की दूरी भले ही नौ किलोमीटर की हो लेकिन दिलों की दूरी बिल्कुल भी नहीं है.

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दोनों गांवों से जुड़ी रोचक कहानी

गांव जैनाबाद के बुजुर्ग बताते हैं कि आसपास के गांवों के लोगों को ट्रेन में सफर करने के लिए गांव जैनाबाद के ही रेलवे स्टेशन पर आना होता था. खासकर 9 किलोमीटर दूर मंदौला गांव के लोगों का खेतीबाड़ी के सिलसिले में आवागमन रहता था, जिसकी वजह से आपसी जुड़ाव हो गया.

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जैनाबाद में 100 से ज्यादा लड़कियां ब्याही

बुजुर्गों ने आगे बताया कि धीरे- धीरे ये मेल मिलाप रिश्तेदारी में बदलना शुरू हो गया जिसके तहत गांव मंदौला की बेटियां गांव जैनाबाद में ब्याही जाने लगी. कई दशकों पहले शुरू हुई यह परंपरा आज भी कायम है. गांव मंदौला की 100 से ज्यादा बेटियां गांव जैनाबाद में ब्याही हुई है. कुछ तो ऐसी लड़कियां हैं जो अपने गांव में एक साथ पढ़ीं, एक ही जगह खेली और आज एक ही गांव में आसपास के घरों में ससुराल है जो शायद उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा.

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आजादी के बाद शुरू हुई परम्परा

गांव मंदौला के सरपंच ने बताया कि आजादी के बाद से दोनों गांवों के बीच जो रिश्ता बना था, उसे आज भी इसी तरह निभाया जा रहा है. अगर जैनाबाद में अच्छा रिश्ता मिलता है तो वहां प्राथमिकता दी जाती है. बुजुर्गों द्वारा शुरू की गई इस परम्परा को आज भी बड़ी खुशी से निभाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दोनों गांवों के बीच 9 किलोमीटर की दूरी है लेकिन मंदौला की बेटी अगर जैनाबाद जाती तो ऑटो या अन्य वाहन ड्राइवर उनसे किराया भी नहीं लेता बल्कि यहां बेटियों को सम्मान के रूप में कुछ शगुन भी दिया जाता है.

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मुसीबत में दोनों गांव एक साथ होते हैं खड़े

जैनाबाद के सरपंच ने बताया कि मुसीबत की घड़ी में दोनों गांव एक साथ खड़े नजर आते हैं. बुजुर्गों द्वारा स्थापित की गई परम्परा को आज भी उसी तरह से निभाया जा रहा है. हालांकि, समय के साथ बदलाव भी देखने को मिल रहा है. काफी समय पहले ब्याही गई लड़कियां आज बड़ी हो चुकी है और उनके बच्चे भी बड़े हो चुके हैं. रिश्ते बदल चुके हैं और जैनाबाद गांव के काफी सारे लड़के अब मंदौला गांव के भांजे बन चुके हैं.

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