हरियाणा में बंपर जीत हासिल करने वाली BJP 5 जिलों में नही खोल पाई खाता, जानें क्या रही वजहें

रोहतक | हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी (BJP) 48 सीटों पर बंपर जीत के साथ लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. वहीं, 10 साल बाद सत्ता वापसी का दम भर रही कांग्रेस पार्टी 37 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है. बीजेपी भले ही पूर्ण बहुमत के दम पर सरकार बना रही है, लेकिन 5 जिले ऐसे भी रहे जहां BJP खाता खोलने में नाकामयाब रही. यानि पार्टी को इन जिलों में एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई.

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BJP

इन 5 जिलों में हारी BJP

  • सिरसा जिला: ऐलनाबाद, रानियां, डबवाली, कांलावाली, सिरसा
  • फतेहाबाद जिला: टोहाना, रतिया और फतेहाबाद
  • रोहतक जिला: महम, रोहतक, गढ़ी- सांपला- किलोई और कलानौर
  • झज्जर जिला: बादली, बेरी, झज्जर और बहादुरगढ़
  • नूंह जिला: फिरोजपुर झिरका, नूंह और पुनहाना

रोहतक- झज्जर में हुड्डा का वर्चस्व

रोहतक लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली सीटों पर हुड्डा का जादू आज भी बरकरार है. दोनों जिलों की 8 में से 7 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत हासिल हुई है. यहां लोगों में मैसेज था कि कांग्रेस की सरकार बन रही है और हुड्डा मुख्यमंत्री बनेंगे. इसी वजह से यहां बीजेपी का खाता नहीं खुला.

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सिरसा- फतेहाबाद में किसान आंदोलन का इफेक्ट

सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा कारण किसान आंदोलन का असर रहा. इन सीटों पर जाटों के साथ- साथ जाट सिख वोटर्स की नाराजगी भी भाजपा पर भारी पड़ी. यहां नशाखोरी भी मुख्य चुनावी मुद्दा बना. नशाखोरी रोकने के लिए बीजेपी सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हुए. इसके अलावा, बीजेपी विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही. टोहाना सीट पर बीजेपी प्रत्याशी देवेन्द्र बबली ने भीतरघात के आरोप लगाएं.

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मुसलमानो ने BJP को नकारा

मेवात की तीनों सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं ने बीजेपी को पूरी तरह से नकार दिया. यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला और मुस्लिम मतदाताओं में इसको लेकर बीजेपी के खिलाफ भारी रोष था. यहां के वोटर्स ने बीजेपी सरकार पर क्षेत्र का विकास न होने और भेदभाव करने के आरोप लगाएं. बीजेपी इन मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई.

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