रोहतक | हरियाणा में एक कहावत बड़ी मशहूर है कि ‘पूत के पैर पालने में ही नजर आ जाते हैं’. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है, रोहतक ज़िले के गांव खिड़वाली के छठी कक्षा में पढ़ने वाले सक्षम और उसकी चार साल की बहन सनाया हुड्डा ने. छोटी सी उम्र में भाई बहन की जोड़ी ने अपनी काबिलियत से वो उपलब्धि हासिल कर ली है कि हर कोई खुले दिल से इनकी तारीफ करता नही थक रहा है. दोनों भाई- बहन के दिमाग की स्पीड के आगे कम्प्यूटर की रफ्तार भी धीमी पड़ रही है. अपने हुनर और काबिलियत के बलबूते पर दोनों ने वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है.
सक्षम की शानदार उपलब्धि
महज छठी कक्षा के छात्र सक्षम में हुनर कूट-कूटकर भरा हुआ है. साइंस के 118 एलिमेंट्स की आर्वत सारणी यानि पीरियोडिक टेबल को समझना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन सक्षम ने इस पीरियोडिक टेबल को ना केवल समझा, बल्कि 1 मिनट सात सेकेंड में सुनाकर वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकार्ड भी अपने नाम दर्ज करवाया है. उनकी इस उपलब्धि पर जून महीने में वर्ल्डवाइड बुक आफ रिकार्ड की तरफ से सर्टिफिकेट और मेडल भेजे गए थे. इससे पहले पीरियोडिक टेबल सुनाने के रिकॉर्ड का समय 1 मिनट 20 सैकंड था.
4 साल की सनाया भी करती हैं कमाल
केजी क्लास में पढ़ने वाली 4 साल की सनाया हुड्डा का हुनर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर देता है. जिस उम्र में बच्चों को सोचने- समझने की अक्ल तक नहीं होती,उस उम्र में सनाया देश-विदेश की राजधानी से लेकर राजनेताओं तक के नाम अंगुलियों पर गिनवा रही है. हवाई जहाज और दुरबीन का आविष्कार किसने किया, महाभारत, रामायण के रचयिता कौन हैं, राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम आदि सवालों के जवाब सनाया पलक झपकते ही दे देती है. हाल ही में सनाया हुड्डा का नाम भी वर्ल्ड वाइड बुक्स आफ रिकार्डस में दर्ज हुआ है.
सनाया ने एक साथ तीन अलग-अलग उपलब्धियों में यह रिकॉर्ड बनाया है. इसमें 34 एक्टीविटी में 455 आइटम रहे, जिसमें सनाया ने हिंदी और अंग्रेजी की 73 कविताएं सुनाई. इसके अलावा केमिकल, पक्षी, गीता श्लोक, राष्ट्रीय गीत, गायत्री मंत्र, शरीर के अंगों के नाम, पानी के जानवर और 29 देशों की राजधानी आदि शामिल है. मात्र दो साल की उम्र से ही सनाया ने जनरल नॉलेज की जानकारियां अपने अंदर समेटनी शुरू कर दी थी.
इस तरह होता है वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकार्ड में चयन
किसी भी देश की पर्सनैलिटी को वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा किसी क्षेत्र में एक्सीलेंट काम करने के लिए सम्मानित किया जाता है. इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से आवेदन किया जाता है. मुख्यालय में बैठे जजों द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टेस्ट लिया जाता है. यदि उस टेस्ट में आवेदन करने वाला उस टेस्ट में खरा उतरता है और पुराने रिकार्ड तोड़ता है तो उसका नाम वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है.
कामयाबी के पीछे मां का हाथ
सक्षम और सनाया हुड्डा की मां सुमन पेशे से भले ही गृहिणी हों लेकिन उन्होंने एमएससी से लेकर बी-लिब और एम-लिब की पढ़ाई पूरी कर रखी है. यही वजह है कि मां के मार्गदर्शन में दोनों भाई- बहन ने छोटी सी उम्र में अपने हुनर से बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. मां सुमन ने बताया कि स्कूल से अलावा वो दोनों बच्चों को घर पर हर रोज दो घंटे पढ़ाई करवाती है जिसमें उन्हें स्कूली शिक्षा से अलग कुछ नया सिखाया जाता है.
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