चंडीगढ़ | हरियाणा के रोहतक जिले के 407 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों मिड डे मील भोजन दिया जाता है. इसमें पहली से पांचवीं तक के करीब 25,827 छात्र- छात्राएं शामिल हैं, जिनमें छठी से आठवीं तक के 16,836 छात्र शामिल हैं. योजनान्तर्गत दिये जाने वाले भोजन में तीन दिन तक 200 एमएल फ्लेवर्ड दूध भी विद्यार्थियों को दिया जाता है.
करीब चार माह तक बच्चों को स्कूलों में दूध नहीं मिला. दूध कंपनी के टेंडर में देरी को अधिकारी मान रहे हैं. उनका कहना है कि टेंडर के लिए सरकार ने जो मानक तय किए थे. उसके मुताबिक, कंपनी नहीं मिल रही है इससे बच्चों को पूरा आहार नहीं मिल पा रहा है.
योजना के तहत स्कूलों में दिया जाता है दूध
योजना के तहत, स्कूलों में दूध दिया जाता है ताकि जिन लोगों को घर में दूध नहीं मिल रहा है. उन्हें स्कूल आने पर मिड डे मिल भोजन में दिया जाने वाला दूध न केवल उनका विकास करेगा बल्कि कुपोषण से भी निपटेगा. योजना के तहत, सप्ताह में तीन दिन कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को अलग- अलग फ्लेवर का दूध दिया जाता है. इलायची, वेनिला, चॉकलेट और बटरस्कॉच स्वाद शामिल हैं.
इतना दिया जाता है दूध
दुग्ध योजना के तहत, कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में मिड डे मील भोजन के दौरान 200 मिली दूध दिया जाता है. स्कूलों में एक ही दिन में दलिया दिया जाता है लेकिन स्कूलों में गेहूं और दलिया उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्रों को स्कूलों में दलिया नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में आधी- अधूरी व्यवस्था के कारण छात्रों को पूरा खाना नहीं मिल पा रहा है.
अधिकारियों ने कही है बात
दिलजीत सिंह (जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक) दूध कंपनी को डिमांड भेज दी गई है लेकिन मानक के मुताबिक सप्लायर उपलब्ध नहीं है. इससे देरी हो रही है. जल्द ही स्कूलों में दूध की आपूर्ति की जाएगी.
अमित राज (मीड डे मील नोडल अधिकारी) कोरोना के बाद भी स्थानीय बाजार से कोटेशन लेकर स्कूलों में दूध की आपूर्ति की जा रही है. नए टेंडर में शिक्षा विभाग की ओर से दूध की डिमांड की गई है. इसके लिए सप्लायर्स के आवेदन मांगे गए हैं. जल्द ही स्कूलों में सप्लाई शुरू हो जाएगी.
मिड डे मील का मेन्यू
- सोमवार: पुलाव
- मंगलवार: राजमा चावल, मीठे चावल
- बुधवार: मीठा दूध दलिया, सब्जी रोटी
- गुरुवार: कढ़ी चावल, पौष्टिक खिचडी
- शुक्रवार: हल्वा चना, सोया सब्जी पूरी
- शनिवार: खीर