रोहतक । निम्न रक्तचाप की शिकायत पर उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को लाया गया था. 21 घंटे बाद गुरुवार को उनकी स्थिति में सुधार होने पर, उन्हें सुनारिया जेल भेज दिया गया. उपचार के दौरान राम रहीम ने सुरक्षा में तैनात अधिकारियों से कई बार हनीप्रीत, अपनी पत्नी और बेटे से मिलने की बात कही. जांच में सब कुछ ठीक पाया गया जिसके बाद 2:15 बजे पीजीआई से डिस्चार्ज कर दिया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस प्रशासन ने 3:15 बजे उन्हें जेल पहुंचा दिया.
तबीयत बिगड़ने पर रोहतक पीजीआई में किया गया भर्ती
बता दें कि साध्वीयों के यौन शोषण के मामले में राम रहीम सजा काट रहे हैं. स्वास्थ्य बिगड़ने पर बुधवार को पीजीआई के 4 चिकित्सकों ने उनकी जांच की. जांच के बाद टीम ने उसे उपचार की आवश्यकता बताई. इसके बाद उन्हें 6:00 बजे पीजीआई वार्ड 7 में भर्ती करवाया गया. सूत्रों के अनुसार रात 1:00 बजे के करीब उसने तैनात सुरक्षा अधिकारियों से कहा कि उसे घबराहट हो रही है. वह अपनी पत्नी, बेटे और हनीप्रीत से मिलना चाहता है. पुलिस प्रशासन द्वारा उसकी जिद को खारिज कर दिया गया. सुबह भी राम रहीम ने दोबारा से यही जिद की. पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद ही किसी से मिल सकते हैं. दोपहर 12:00 बजे तक उसकी जांच की गई. सब कुछ सामान्य होने पर रोहतक पीजीआई से डिस्चार्ज कर दिया गया. राम रहीम की सुरक्षा को लेकर 120 पुलिस जवान और एक डीएसपी की तैनाती की गई. उसे जिस वार्ड में उपचार के लिए रखा गया था, वहां पुलिस ने अलग से कैमरे लगवाए थे .
रोहतक पुलिस थी सिरसा पुलिस के संपर्क में
बता दे कि उनके पास आने जाने वाले पुलिस अधिकारियों से लेकर डॉक्टर और नर्स की सूची भी तैयार की गई. वही रोहतक पुलिस लगातार सिरसा पुलिस के संपर्क में थी. डेरे की गतिविधियों और अनुयायियों पर भी पुलिस ने नजर बनाई हुई थी. पुलिस को इस बात का अंदेशा था कि उसके अनुयाई पीजीआई आ सकते है, इसलिए सख्ती बरती गई. राम रहीम के स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद पीजीआई प्रबंधन की ओर से उसे 2:15 बजे डिस्चार्ज कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस सुरक्षा के बीच 3:15 बजे सुनारिया जेल पहुंचा दिया गया.
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