रोहतक । कोरोना काल के बावजूद भी भगवान शिव के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा में कोई नहीं आई है. भले ही कोविड प्रोटोकॉल के चलते अधिकतर लोग अपने घरों में रहकर ही शिवरात्रि मनाएंगे लेकिन शिवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है. वैश्य व्यायामशाला एवं गौशाला में स्थित भगवान नर्मदेश्वर शिव मंदिर के पुजारी पंडित अश्विनी वशिष्ठ ने बताया कि यहां 6 अगस्त को शिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा.
मंदिर का इतिहास
मिली जानकारी के मुताबिक इस प्राचीन शिव मंदिर का मंदिर का इतिहास करीब 83 वर्ष पुराना है. यह मंदिर वर्षों पुरानी यादों को संजोए हुए है. पुजारी अश्वनी वशिष्ठ ने बताया कि देश आजाद होने से पहले सन् 1939 में लाला सीताराम श्री कृष्ण दास कलानौर फॉर्म के संचालक लाला रामेश्वर दास कलानौर ने नर्मदा नदी से शिवलिंग मंगवाकर नर्मदेश्वर शिव मंदिर की स्थापना की थी. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक उनका परिवार यहां रहकर सेवा- भाव में जुटा हुआ है.
राधाकृष्ण के साथ गांधी की प्रतिमा
प्राचीन शैली में बने इस मंदिर के बाहर श्री राधा कृष्ण की प्रतिमाएं भी लगी हुई है. ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन से प्रेरित होकर ही मंदिर में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई थी जो आज भी उस आंदोलन की यादें ताजा कर देती है.
शिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी
कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए इस बार भी शिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. शिवरात्रि के पर्व को लेकर मंदिर को आकर्षक लाईटों से सजाया जा रहा है. शिवरात्रि के दिन यहां विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.
आधी रात से शुरू हो जाता है जलाभिषेक
नर्मदेश्वर शिव मंदिर के पुजारी अश्वनी वशिष्ठ ने बताया कि मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक का सिलसिला मध्य रात्रि से शुरू हो जाता है. मंदिर में साफ-सफाई और कोविड गाइडलाइंस का पालन सख्ती से किया जाएगा.
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