रोहतक | भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार एशियाई खेलों में भाग लिया और स्वर्ण पदक जीता है. शैफाली ने एशियाड में अर्धशतक लगाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया. पिता संजीव वर्मा भारतीय टीम और अपनी होनहार बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं. सोमवार को उन्होंने अपनी पत्नी प्रवीण बाला के साथ बैठकर मैच का भरपूर लुत्फ उठाया.
अपनी कप्तानी में शैफाली ने न सिर्फ भारतीय टीम को 2023 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताया, बल्कि महिला वर्ल्ड कप और अब एशियाड में चैंपियन बनने वाली टीम का भी हिस्सा रहीं. मलेशिया के खिलाफ पहले मैच में शेफाली ने 39 गेंदों पर 4 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 67 रन बनाए. दूसरे मैच में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 21 गेंदों में 17 रन बनाए और फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 15 गेंदों में 9 रन बनाए.
दो दिन पहले हुई थी बातचीत: संजीव
संजीव वर्मा ने बताया कि दो दिन पहले उनकी शैफाली से फोन पर बात हुई थी. उसने कहा, पापा, चिंता मत करो. भारतीय टीम गोल्ड जीतकर ही लौटेगी. पूरी टीम में जोश और उत्साह है. मैं टीम को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दूंगी. उनका कहना है कि भले ही बेटी फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ कम रन बना सकी लेकिन वह टीम की जीत से बेहद खुश हैं. अब शायद टीम दो दिन बाद भारत लौटेगी.
2023 बेटी के लिए रहा बेहद खास
पिता संजीव ने कहा है कि साल 2023 बेटी शैफाली वर्मा के लिए बेहद खास रहा है. इससे पहले जनवरी में शेफाली के नेतृत्व में भारतीय महिला अंडर- 19 क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीता था, जो अपने आप में एक बड़ी बात है. इसके बाद, फरवरी में हुए महिला विश्व कप में भारतीय टीम ने जीत हासिल की, जिसमें शैफाली ने भी हिस्सा लिया था. दिल्ली ने महिला आईपीएल में शैफाली के लिए 2 करोड़ रुपये की रकम खर्च की थी.
शैफाली अपने पिता के साथ खेलकर हुई बड़ी
शैफाली के पिता संजीव वर्मा भी क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला है. अपनी बेटी के साथ अपने क्रिकेट अनुभव साझा करने से उसे बेहतर खेलने की प्रेरणा मिली. उन्होंने क्रिकेट अकादमी में लड़कों के साथ खेल का अभ्यास किया. यहां तक कि खेल के लिए भी उन्होंने अपने बाल लड़कों की तरह कटवा लिए थे. संजीव बताते हैं कि शैफाली ने 8 साल की उम्र में शहर के झज्जर रोड स्थित हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा संचालित रामनारायण क्रिकेट क्लब से खेलना शुरू किया था.
शैफाली वर्मा ने सचिन का तोड़ा रिकॉर्ड
शैफाली वर्मा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी थीं। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. शैफाली ने 15 साल 285 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की. इस तरह उन्होंने महान क्रिकेटर तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 16 साल और 214 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट अर्धशतक बनाया था. रोहतक की इस युवा खिलाड़ी ने सूरत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने करियर के दूसरे टी20 मैच में 46 रन की पारी खेली थी.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!