रोहतक | बांड नीति को लेकर हड़ताली एमबीबीएस छात्रों के साथ सीएम मनोहर लाल की बैठक समाप्त हो गई. इसके बाद सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बांड की समय सीमा 7 साल से घटाकर 5 साल कर दी गई है. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि एक वर्ष के भीतर छात्रों को अनुबंध स्तर की नौकरियां भी दी जाएंगी. 3 घंटे तक चली बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
बांड नीति को लेकर एमबीबीएस छात्रों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमारे डॉक्टरों को सरकारी नौकरी को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि छात्रों को एक साल के भीतर अनुबंध स्तर की नौकरियां मिल जाएंगी. दूसरी ओर एमबीबीएस छात्र इस बात को लेकर बंटे हुए हैं कि हड़ताल खत्म की जाए या नहीं. कुछ का कहना है कि हड़ताल खत्म नहीं होगी लेकिन कुछ अभी भी समर्थक संगठनों के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लेने की बात कह रहे हैं.
CM ने कही ये बात
MBBS छात्र डेलीगेशन के साथ लंबी वार्ता हुई है, आज तीसरे दौर की वार्ता हुई है. हमने 2 साल पहले मेडिकल बांड पॉलिसी बनाई थी. बांड की राशि अन्य सभी स्थानों से ज़्यादा रखी गयी थी ताकि डॉक्टर्स सरकारी नौकरी को प्राथमिकता दे. हरियाणा सरकार ने आयुषमान भारत की जगह चिरायु योजना शुरू की है. 1 करोड़ 25 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
मुख्यमंत्री सर्वेक्षण योजना भी शुरू की है. इसमे भी डॉक्टर्स की जरूरत पड़ेगी. इसीलिए हमने बांड पॉलिसी में 7 साल की जगह 5 साल का समय तय किया है, जिसमें डॉक्टर्स को सरकारी संस्थानों में सेवाएं देनी होगी. पीजी करने का टाइम पीरियड इसमे जोड़ दिया गया है. साथ ही, 40 लाख की जगह 30 लाख की बांड पॉलिसी रखी गयी है. 1 साल के अंदर कॉन्ट्रैक्च्यूल नौकरी दी जाएगी. यह पैसा डॉक्टर की फैमिली को नही देना है. पीजी की पॉलिसी बाद में अलग से बनाई जाएगी. काफी लोग मान गए है. इक्का दुक्का लोग नही माने है.
सीएम से मुलाकात के बाद एमबीबीएस छात्रों ने अंतिम निर्णय के लिए एक दिन का समय मांगा. गौरतलब है कि एमबीबीएस छात्र इस संबंध में एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें उन्हें रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का भी सहयोग मिला.
छात्राओं के लिए 3 लाख अतिरिक्त शुल्क माफ
एमबीबीएस छात्रा से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि छात्राओं को मिलने वाले बांड की राशि में तीन लाख रुपये की कटौती की गयी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया कि ज्यादातर छात्र इस चर्चा से संतुष्ट थे. हरियाणा सरकार की ओर से एक साल के भीतर संविदा पर नौकरी की गारंटी भी दी गई है.
अब 30 लाख की बांड पॉलिसी
हरियाणा सरकार ने पहले बांड नीति में 40 लाख रुपये का प्रावधान किया था. छात्रों के विरोध के बाद हुई बातचीत के बाद सरकार ने 10 लाख रुपये कम कर दिए हैं. अब बॉन्ड पॉलिसी को 40 से बदलकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि सरकार अलग पीजी नीति बनाएगी. सीएम ने यह भी कहा कि सरकार बांड का पैसा भी देगी.
छात्रों ने कहा- हम सहमत नहीं हैं
सीएम से मुलाकात के बाद एमबीबीएस छात्र के अलग-अलग बयान आ रहे हैं. छात्र पंकज बिट्टू का कहना है कि हम सीएम के प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं. इसलिए हम हड़ताल जारी रखेंगे. वहीं अंकित गुलिया का कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टर से मिलने के बाद फैसला लिया जाएगा.
हमारा समर्थन छात्रों के पक्ष में है, लेकिन हम बैठक में ड्राफ्ट रखने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे. आंदोलन में शामिल एमबीबीएस की छात्रा प्रिया कौशिक ने कहा कि कोई भी फैसला तब तक अंतिम नहीं माना जाना चाहिए, जब तक प्रतिनिधियों की तरफ से स्पष्टीकरण न आ जाए.
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