अस्पताल में मासूम को कोरोना के भय से छोड़ गए माँ -बाप, डॉक्टरों ने बचाई जान

रोहतक । हरियाणा के रोहतक में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें एक 4 साल के मासूम बच्चे को कोरोना से जंग लड़ते छोड़ उसके परिजन वहां से गायब हो गए. जिसके बाद बच्चे को पीजीआई के आईसीयू में भर्ती किया गया. तब जाकर बच्चे की जान बचाई गई. पीजीआई प्रशासन ने उसके परिजनों को खोज निकाला. बता दें कि बच्चे के दादा पीजीआई में उससे मिलने पहुंचे और अपने पोते को देख दादा की आंखें भी भर आई.

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Doctor Photo

प्रतीकात्मक तस्वीर

मासूम को अस्पताल में छोड़ कर चले गए मां बाप

खरखोदा इलाके के गांव मे पवन नामक भट्टे पर काम करने वाले दंपत्ति 3 जून को अपने बच्चों को पीजीआई में भर्ती करवा कर वहां से चले गए थे. बता दे की भर्ती के वक्त माता-पिता ने डॉक्टरों को अपनी फर्जी जानकारी दी. वही डीएमएस डॉक्टर महेश ने दाखिल बच्चे के फिंगर प्रिंट लेकर आधार कार्ड डेटाबेस से मैच करवाने की कोशिश की. आधार कार्ड के डेटाबेस में बच्चे के रिकॉर्ड को खंगाल ते हुए,  उसके घर का सही पता मालूम किया गया. वही डॉक्टर की टीम ने बच्चे के परिजनों से सीधा संपर्क साधा और उन्हें सूचित करके पीजीआई में बुलाया.

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पीजीआई के पीरियोट्रिक विभाग मे बाकी बच्चे से मिलने शनिवार को 4:00 बजे उसके दादा कन्हैया मांझी और पड़ोसी पहुंचे. अपने पोते से मिलने के बाद दादा की आंखें भर आई. वहीं परिजनों से पूछने पर पता चला कि कोरोना के डर की वजह से माता-पिता सिर्फ उसे दाखिल कराकर अस्पताल से चले गए थे. 13 जून को दंपत्ति अपने घर बिहार चले गए. मनीष का परिवार पिछले 9 महीने से भट्टे पर काम कर रहा था. पीजीआई के डॉक्टर महेश ने बताया कि फिलहाल बच्चे की हालत स्थिर बनी हुई है. 1 सप्ताह के बाद बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

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