रोहतक । सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के अस्पताल में दाखिल होकर इलाज करवाने का कारण आज पता लगा. दरअसल गुरमीत राम रहीम की तबीयत बीपी और शुगर कंट्रोल करने के लिए बनाए गए घरेलू चूर्ण का ज्यादा सेवन करने से बिगड़ गई थी. कड़ी सुरक्षा में गुरमीत राम रहीम सिंह को रोहतक स्थित पीजीआई में दाखिल कराया गया. तकरीबन 21 घंटे पीजीआई में उपचार देने के बाद राम रहीम सिंह को वीरवार उसी प्रकार भारी सुरक्षा के बीच वापस रोहतक सुनारिया जेल भेज दिया गया. चिकित्सकों द्वारा उनके विभिन्न प्रकार के टेस्ट किए गए जो सभी नॉर्मल मिले. इसलिए उन्हें वापस सुनारिया जेल भेज दिया गया. जैसे ही उन्हें पीजीआई से जेल भेजा गया तो पीजीआई और प्रशासन अधिकारियों को कुछ राहत मिली क्योंकि जब तक राम रहीम सिंह पीजीआई में थे, उन्हें यह डर था कि कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए.
दरअसल राम रहीम सिंह ने जेल में बंद होने के दौरान शुगर और बीपी की बीमारी के लिए घरेलू चूर्ण बनवाया हुआ है.बुधवार को उन्होंने चूर्ण का अत्यधिक मात्रा में सेवन किया, जिससे उन्हें बेचैनी हुई और बीपी का स्तर गिर गया जैसे ही जेल प्रशासन को इस मामले की जानकारी मिली तो पीजीआई के चिकित्सकों को जेल में ही बुलवाया गया और स्वास्थ्य जांच की गई. जिसके बाद निर्णय लिया गया कि उन्हें उपचार के लिए पीजीआई ले जाया जाए.आनन-फानन में उन्हें पीजीआई भी ले जाया गया और स्वास्थ्य जांच की गई.
रोहतक पीजीआई में हुए यह टेस्ट
प्राप्त जानकारी के अनुसार राम रहीम सिंह के पेट का अल्ट्रासाउंड करवाया गया. ईसीजी और इको किया गया.कलर डॉपलर टेस्ट, शुगर जांच व चर्बी की जांच की गई. इसके बाद हृदय रोग चिकित्सक ने उनकी एंजियोग्राफी और हॉल्टर मॉनिटरिंग की सलाह दी. लेकिन राम रहीम सिंह ने इसके लिए मना किया क्योंकि उन्होंने कहा कि वह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं.इन सभी टेस्ट की रिपोर्ट नॉर्मल आई और उनका बीपी भी सामान्य पाया गया जिसके बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया.
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