ताने देने वालों का किया मुंह बंद, ऑटो चलाने वाली पहली महिला बनी मिसाल

रोहतक । एक और पड़ोसियों और रिश्तेदारों के ताने तो दूसरी ओर अपने छोटे-छोटे बच्चों का भविष्य और भूख, इन दोनों चीजों में प्रमिला ने अपने बच्चों के भविष्य और भूख को महत्व दिया और चुना. आज से लगभग 6 वर्ष पहले प्रमिला ने रोजी रोटी कमाने के लिए ऑटो चलाने के कार्य को आरम्भ किया तो इस दुनिया ने उसे बहुत ताने मारे. परंतु रोहतक की रहने वाली पहली गुलाबी ऑटो चालक प्रमिला सैनी का कहना है कि पेट की भूख पुरुष व स्त्री और बड़े व छोटे के अंतर को नहीं समझती.

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प्रियंका गांधी ने भी किया उनके ऑटो में सफर

प्रमिला ने कभी भी विपरीत परिस्थितियों में हार नहीं मानी और अपने इस सफर को जारी रखा और आज वे इस मुकाम तक पहुंच गई है कि अन्य महिलाओं को भी ऑटो चलाने का प्रशिक्षण दे रही है. प्रमिला ने अपने हौसले से ताने देने वाले लोगों का मुंह बंद कर दिया है. अब लोग उन्हें ताने नहीं देते बल्कि उनके हौसले की दाद देते हैं. प्रमिला अन्य महिलाओं, बहन बेटियों के लिए एक मिसाल बन चुकी है. इतना ही नहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी उनके ऑटो में सफर कर चुकी हैं.

कई जिलों में महिलाओं को दे रही हैं ऑटो चलाने का प्रशिक्षण

जब प्रमिला ने गुलाबी ऑटो को चलाना आरंभ किया तो प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के अतिरिक्त सामाजिक संगठनों ने भी उन्हें बहुत प्रोत्साहित किया. अब प्रमिला सैनी अपनी टीम के साथ रोहतक के अतिरिक्त जींद, पानीपत, झज्जर और हिसार में भी बहुत-सी महिलाओं को ऑटो चलाने का प्रशिक्षण दे रही है. प्रमिला की इस पहल को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद ने भी बहुत सराहा है.

अन्य महिलाओं के लिए बनी मिसाल

प्रमिला सैनी शहर के बाबरा मोहल्ले की रहने वाली है. 6 वर्ष पहले उन्होंने अपनी जिंदगी के सफर को चलाने के लिए गुलाबी ऑटो को चलाना आरंभ किया था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उन्होंने ऑटो चलाने का मन बनाया. सबसे पहले प्रमिला ने ऑटो चलाना सीखा और इसमें महारत हासिल की. शुरुआत में जब अन्य महिलाओं ने प्रमिला को ऑटो चलाते हुए देखा तो उनका भी हौसला बढ़ा और उनमें हिम्मत आई. उनके परिवार में 5 लोग हैं जिसमें उनके पति कुलदीप, दो बेटियां, बेटा पंकज और पुत्रवधू शामिल है.

गुलाबी ऑटो चलाने वाली पहली महिला

जब शहर में गुलाबी ऑटो महिलाओं के लिए आरंभ किए गए थे तब गुलाबी ऑटो चलाने वाली प्रमिला सैनी पहली महिला थी. इसके बाद तो कारवां लगातार जुड़ता ही गया और अब डेढ़ सौ महिलाएं अपने परिवार का पेट ऑटो चला कर पाल रही हैं. हालांकि किसी बीमारी के चलते प्रमिला ने 2 वर्ष पहले ही ऑटो चलाना बंद कर दिया है, लेकिन अभी भी वह अन्य महिलाओं को ऑटो सिखाने का कार्य कर रही है.

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