रोहतक । हरियाणा के रोहतक जिलें के कलानौर खंड का गांव ककराना, गांव के युवाओं की काबिलियत के दम पर यह गांव लगातार सुर्खियों बटोर रहा है. यहां के युवाओं में सरकारी नौकरी की एक अलग ही दीवानगी है और दीवानगी भी इस कदर है कि गांव का हर छठा युवा नौकरी की वजह से गांव से बाहर गया हुआ है. गांव के ज्यादातर युवा सरकारी पदों पर कार्यरत हैं. सेना व पुलिस में गांव के युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा है. ब्रिगेडियर व विंग कमांडर से लेकर डीसी तक के गांव में एक कड़ी और जुड़ गई है. अभी हाल ही में गांव के तीन दोस्तों का चयन एक साथ दिल्ली पुलिस में हुआ हैं.
इस गांव की रोहतक शहर से दूरी महज 10 किलोमीटर है. वैसे तो इस गांव में ब्राह्मण समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है लेकिन दूसरे समुदाय के परिवारों के साथ सब मिलकर रहते हैं. गांव में लगभग साढ़े तीन हजार के करीब परिवार है और गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है. सेना, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग आदि हर जगहों पर गांव के युवा कार्यरत हैं.
गांव के शिक्षक रामबीर ने बताया कि सरकारी व गैर-सरकारी विभागों में गांव के करीब 500 युवा नौकरी करते हैं. गांव की तरफ से हर साल प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित किया जाता है और सम्मानित भी उस शख्सियत के हाथों करवाया जाता है जो किसी क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल कर चुका है. पिछले 15 साल से 12वीं व 10वीं में प्रथम स्थान पर आने वाले छात्र को 5100, द्वितीय स्थान पर रहने वाले को 3100 व तृतीय स्थान पर रहने वाले को 2100 रुपये का इनाम दिया जाता है.
गांव के तीन युवाओं का एक दिन पहले चयन दिल्ली पुलिस में हुआ है. ककराना निवासी रणबीर सिंह आईएएस अधिकारी हैं और छत्तीसगढ़ में डीसी के तौर पर कार्यरत हैं. जबकि कुलदीप सिंह सेना में ब्रिगेडियर हैं. इसके अलावा डॉ. एमजी वशिष्ट पीजीआईएमएस में सीनियर प्रोफेसर हैं। इसके अलावा रमाकांत शर्मा वायु सेना में विंग कमांडर हैं.
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