रोहतक । पीजीआई रोहतक में शनिवार रात उस समय जबरदस्त हंगामा खड़ा हो गया जब एक महिला पुलिसकर्मी ने एक डॉक्टर को थप्पड़ जड़ दिया. हाथापाई से नाराज़ रेजिडेंट डॉक्टर रात 10 बजे हड़ताल पर बैठ गए और चेतावनी दी कि जब तक महिला की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. दूसरी ओर डीएसपी सज्जन कुमार के मध्यस्थता करने पर पुलिस ने महिला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया लेकिन डाक्टर गिरफ्तारी पर अड़े रहे.
सीनियर डॉक्टर्स ने संभाला मोर्चा
वहीं डाक्टरों के इस कदम के बाद इमरजेंसी, ट्रामा सेंटर और वार्डों में सब जगह काम ठप्प हो गया. आनन-फानन में सभी जगहों पर सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाला. डॉक्टर्स का कहना था कि पहले भी मरीज के तिमारदारों द्वारा डॉक्टर्स के साथ मारपीट की कई घटनाएं हो चुकी है लेकिन हर बार समझौता करवाकर मामले को शांत करवा दिया जाता है. पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है. डाक्टरों की मांग है कि पीजीआई के हर डॉक्टर की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं.
यह है पूरा मामला
रोहतक पीजीआई में वार्ड नंबर-5 में फूलवती निवासी मोखरा दाखिल हैं. शनिवार को एक महिला उनसे मुलाकात करने आती है. बताया जा रहा है कि महिला पुलिस विभाग में कार्यरत हैं और उसकी ड्यूटी पानीपत में हैं.
दोपहर के समय 1.30 से 2 बजे तक वार्ड में कंसल्टेंट का राउंड होता है. राउंड पर डॉ. सुरेन्द्र वर्मा थे और इस दौरान मरीजों के सभी तिमारदारों को बाहर जाने के लिए कहां गया था लेकिन उक्त महिला बाहर नही गई. जब वार्ड में तैनात पीजी डॉक्टर स्वर्ण ने उक्त महिला को बाहर जाने के लिए बोला तो महिला ने दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया.
हाथापाई की और कॉलर पकड़ा
डॉ स्वर्ण ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि जब महिला दुर्व्यवहार कर रही थी तो वहां सिक्योरिटी गार्ड को उसे बाहर भेजने के लिए कहां. आरोप है कि इसी बात से गुस्साई महिला ने डॉक्टर का कॉलर पकड़ा और गलत भाषा का इस्तेमाल किया. इसके बाद डॉ स्वर्ण अपने सीनियर डॉ सुरेन्द्र के पास गए और पूरे घटनाक्रम से उन्हें अवगत कराया. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है.
कार्यवाही नहीं हो रही
आरडीए के आह्वान पर शाम करीब चार बजे ट्रामा सेंटर और वार्डों से सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को बुलाया गया. सभी डाक्टर इक्कठा होकर निदेशक डॉ रोहताश यादव, चिकित्सा अधीक्षक डॉ पुष्पा दहिया से मिले और कार्यवाही की मांग की. सभी डॉक्टर्स थाने पहुंचे तो आरोपित महिला पुलिसकर्मी वहीं बैठी हुई थी.
गिरफ्तारी क्यों नहीं
डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि बार-बार कहने के बावजूद भी पुलिस ने आरोपित महिला पुलिसकर्मी पर एफआईआर दर्ज नहीं की. शाम चार बजे शुरू हुआ विरोध और तेज हुआ तो डीएसपी सज्जन कुमार पहुंचे और सभी को समझाने का प्रयास किया.
बताया जा रहा है कि डॉक्टर्स की मांग पर महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया लेकिन शाम को जैसे ही डॉक्टर्स को खबर मिली कि महिला को गिरफ्तार नहीं किया गया है तो रात दस बजे सभी डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए.
काम प्रभावित
पीजीआई रोहतक में रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या 600 के करीब है. इमरजेंसी, ट्रामा सेंटर और वार्डों में सब जगह ये डाक्टर ही काम संभालते हैं. हालांकि सीनियर डॉक्टर्स ने मोर्चा संभाला हुआ है लेकिन हड़ताल लंबी चली तो मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.
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