सिरसा । पंजाब और राजस्थान के साथ लगे सिरसा जिले के 7 ऐसे गांव हैं जिन में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं है. बता दे कि इनमें से किसी भी गांव की आबादी 5000 से ज्यादा नहीं है. यह गांव क्षेत्र और जनसंख्या के हिसाब से भले ही छोटे हैं,लेकिन इन्होंने बड़ी सोच का परिचय दिया है. वह भी ऐसे समय में जब अधिकतर गांव कोविड-19 प्रोटोकॉल की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं.
इन 7 गांवों तक नहीं पहुंच पाया कोरोना
इन गांवों में लोगों ने अपने परिवार की ही नहीं, बल्कि पूरे गांव के लोगों को सुरक्षित रखा है. इन गांवों के लोग दूसरे गांव में नहीं गए और बाहरी लोगों को भी अपने गांवों में नहीं आने दिया. साथ ही उन्होंने कोरोना काल में शादियों पर भी पाबंदी लगा दी. इन गांवों में सामाजिक कार्यक्रम तक नहीं हुए. वही किसी बुजुर्ग की नार्मल डेथ हुई, तो खुद परिजनों ने अनाउंसमेंट करवा दी कि कोरोना काल में कोई उनके घर बैठने ना आए. उनको किसी से कोई गिला शिकवा नहीं है. गांव वालों के सामूहिक प्रयासों की वजह से ही इन गांवों में कोरोना एंट्री नहीं कर पाया.
सिरसा जिले के यह गांव दूसरे गांवों के लिए आदर्श है
बता दें कि जोड़किया गांव में करीब 18 सौ की आबादी है. इस गांव में कोई भी कोरोना मरीज नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव वालों के सामूहिक प्रयासों की वजह से बाहरी लोगों को बिना मास्क और सैनिटाइजर के गांव में नहीं आने दिया गया. लॉकडाउन लगने से पहले ही उन्होंने ग्रामीणों का बाहर आना जाना बंद कर दिया था.
हर सप्ताह गांव को सेनीटाइज किया गया. वही लॉक डाउन की वजह से लोगों ने शादियों के शुभ मुहूर्त को भी टाल दिया. ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में उगाई सब्जी गांव ने मिल बांटकर खाई गई ताकि किसी को भी लॉकडाउन में बाहर से सब्जी ना लानी पड़े. स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डॉक्टर बुधराम ने बताया कि जिले के 7 गांव माखा, मूसली, बूढीमेडी,ढाणी साधा सिंह, डोंगरावाली, मोडी व जोड़किया है.
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