सिरसा | कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के छः महीने पूरे होने पर किसान संगठनों ने जिले भर में काला दिवस मनाकर अपना रोष व्यक्त किया. किसान अपने हाथों में काले झंडे लेकर पहुंचे और नेताओं के पुतले भी जलाएं. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. इसके अलावा ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए थे. प्रदर्शनकारी किसान भूमणशाह चौक पर हाथों में काले झंडे लेकर पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों की उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास की तरफ जाने को लेकर पुलिसकर्मियों से झड़प हुई और किसान बैरिकेडिंग तोड़ते हुए अंदर घुस गए.
सबसे पहले सुबह किसानों ने भगत सिंह इंडोर स्टेडियम में इकट्ठा होकर बुद्ध पूर्णिमा मनाई. इसके बाद किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर व मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत अन्य नेताओं के पुतले फूंककर काला दिवस मनाया. किसान नेता लखविंदर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने उपमुख्यमंत्री के आवास की तरफ जाने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों व पुलिस जवानों के समझाने पर वो रुक गए.
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घरों पर भी लहराएं काले झंडे
किसान संगठनों द्वारा किए गए आह्वान के चलते किसानों ने काला दिवस मनाते हुए अपने घरों, गाड़ियों पर भी काले झंडे लहराए. किसान नेता प्रहलाद सिंह ने कहा कि किसान पिछले छः महीने से कृषि कानूनों को रद्द करवाने को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार किसानों की मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार बिल वापिस नहीं लें लेती तब तक किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा.
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