सिरसा । बीमा कंपनियों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों के खराब हो जाने की स्थिति में 574 करोड़ 94 लाख रुपयों की बीमा राशि को जारी कर दिया है. सिरसा को सबसे ज्यादा क्लेम 285 करोड़ 31 लाख रुपयों का दिया गया है. इसके पश्चात भिवानी के किसानों के बैंक खातों में 258 करोड 96 लाख रुपयों का बीमा जारी किया गया है. 2020 के खरीफ के सीजन में फसलों के खराब हो जाने पर भिवानी और सिरसा के अतिरिक्त फरीदाबाद को 43 लाख, रेवाड़ी के लिए 19 करोड़ 57 लाख, पंचकूला को एक करोड़, कुरुक्षेत्र को 4 करोड़ 65 लाख, कैथल को 5 करोड़ 2 लाख की बीमा राशि दी गई है.
इस प्रकार क्लेम करती है बीमा कंपनी
आपको बता दें कि पिछले साल खरीफ के सीजन में कई स्थानों पर फसलों में उखेड़ा रोग तो कई स्थानों पर किसी अन्य वजह से औसत से कम उत्पादन होने की स्थिति में बीमा कंपनियां क्लेम देती हैं. क्लेम के लिए गांव को यूनिट माना गया है. हर गांव में औसत से पैदावार कम होने की स्थिति में फसल बीमा करवाने वाले किसानों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान बनाया गया है. बीमा कंपनी की ओर से सिरसा में औसत से कम पैदावार होने पर किसानों को क्लेम दिया गया है. कृषि उपनिदेशक डॉ बाबूलाल ने जानकारी देते हुए कहा है कि औसत से कम पैदावार सिरसा में रही थी. जिसके पश्चात बीमा कंपनी को क्लेम देने के लिए कहा गया था और अब 258.76 करोड़ का क्लेम कंपनी द्वारा जारी कर दिया गया है.
फसलों को सिरसा में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
सिरसा में फसलों में उखेड़ा रोग हाई लेवल पर आ गया था. उखेड़ा रोग और सफेद मक्खी की वजह से फसलों को अक्टूबर के महीने में भारी नुकसान हुआ था. सरकार ने इस संबंध में स्पेशल गिरदावरी के आदेश जारी किए थे. कृषि विभाग द्वारा शुरुआत में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 70000 से ज्यादा एकड़ जमीन में फसलों के खराब हो जाने का आंकलन किया गया. इसके पश्चात सरकार द्वारा सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं. राजस्व विभाग की तरफ से सर्वे हुआ जिसमें 3.90 लाख एकड़ भूमि की फसलें खराब पाई गई. इस रिपोर्ट में सबसे ज्यादा नुकसान कलावाली व नाथूसरी चोपटा तहसील में दिखाया गया है. विशेष गिरदावरी में ऐसे किसानों को मुआवजा दिया जाएगा जिन्होंने बीमा भी नहीं करवाया था.
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