हरियाणा में अब सॉफ्टवेयर से तैयार होगी जमीनी फर्द, दफ्तरों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

सिरसा | हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला मंगलवार को ऐलनाबाद हल्के के गांव मिठी सुरेरां में पहुंचे. यहां जनसभा को संबोधित करते उन्होंने प्रदेश की गठबंधन सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. चौटाला ने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार ने टेक्नोलॉजी की मदद से न सिर्फ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है बल्कि ऐसी व्यवस्था तैयार की है जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र परिवारों को घर बैठे मिल रहा है. इसके लिए लोगों को अब सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत ही नहीं रही है.

Dushyant Chautala

पटवारखानें के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने संबोधन के दौरान किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए कहा कि हरियाणा में जमीन की फर्द तैयार करने के लिए केन्द्र सरकार से एक नया सॉफ्टवेयर लिया गया है. किसानों को इसी के माध्यम से अपनी जमीन की फर्द मिलेगी. ऐसे में उन्हें पटवारखानों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी.

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इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जो फर्द यानि जमाबंदी निकाली जाएगी,उस पर QR Code अंकित होगा, जिसकी वजह से इस फर्द को वैरीफाइड डाक्यूमेंट माना जाएगा. इस सॉफ्टवेयर से निकाली गई फर्द पर पटवारी के हस्ताक्षर कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और इस पर किसान बैंक से लोन भी ले सकते हैं.

राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया में बदलाव

जनता को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राशनकार्ड बनानें की प्रक्रिया में व्यापक परिवर्तन किया गया है. उन्होंने कहा कि अब पीले राशनकार्ड बनवाने के लिए भी लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि नए साल यानि 1 जनवरी से 1 लाख 80 हजार रुपए से कम सालाना आमदनी वाले परिवारों के वैरीफाइड आय के आधार पर पीले राशनकार्ड खुद ही बन जाएंगे.

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ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि डीसी रेट की नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा के चलन को हमारी सरकार ने खत्म करने का काम किया है. ठेकेदार द्वारा कम तनख्वाह में अधिक काम लेकर कर्मचारियों का शोषण किया जाता था लेकिन हमारी सरकार ने इस सिस्टम को खत्म कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया है.

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इसके माध्यम से युवाओं को पारदर्शी ढंग से सरकारी नौकरी मिल रही है और खासकर गरीब परिवारों के बच्चों को पहले मौका मिल रहा है. इसके अलावा जिन परिवारों की सालाना आमदनी 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है उन्हें आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा रहे हैं जिसके माध्यम से वो पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते हैं.

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