SGPC ने गुरमीत राम रहीम की पैरोल को दी चुनौती, खट्टर सरकार को नोटिस का इस दिन देना होगा जवाब

सिरसा | डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की याचिका पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने एसजीपीसी द्वारा गुरमीत की पैरोल रद्द करने की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर 17 फरवरी तक जवाब मांगा है. एसजीपीसी सदस्य भगवंत सिंह सियालका ने पिछले सप्ताह इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका भी दायर की थी लेकिन उन्होंने कुछ तकनीकी कारणों से याचिका वापस ले ली थी. अब एसजीपीसी ने प्रस्ताव पारित कर सियालका के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर हरियाणा सरकार के पैरोल देने के आदेश को चुनौती दी है.

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पैरोल देने में वैधानिक नियमों का उल्लंघन

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका में रोहतक के संभागीय आयुक्त द्वारा पैरोल देने में वैधानिक नियमों के उल्लंघन पर सवाल उठाया गया है. एसजीपीसी ने कमिश्नर रोहतक द्वारा 20 जनवरी 2023 को गुरमीत सिंह को जारी किए गए 40 दिन के पैरोल आदेश को यह कहते हुए रद्द करने की मांग की है कि यह हरियाणा सदाचारी कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम 2022 की धारा-11 के प्रावधानों के खिलाफ है.

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याचिका में कही गई ये बात

पैरोल की अवधि के दौरान गुरमीत सिंह के अवैध बयानों और गतिविधियों के संभावित खतरनाक परिणामों के बारे में उच्च न्यायालय को याचिका के माध्यम से अवगत कराया गया है. कुल मिलाकर कमेटी ने अपना पक्ष मजबूती से हाईकोर्ट के समक्ष रखा है. एसजीपीसी ने याचिका में गुरमीत सिंह की पैरोल को भारत की संप्रभुता, अखंडता और देश में सार्वजनिक सद्भाव, शांति और सामाजिक ताने- बाने के लिए खतरा बताया है.

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