सिरसा । हरियाणा में पशुओं के लिए सुखे चारे के कमी की समस्या अब गहराती जा रही है. जिलें में सुखा चारा यानि तुड़ी की किल्लत को देखते हुए जिला प्रशासन ने पत्र जारी कर गौशाला संचालकों को राहत प्रदान की है. जिला प्रशासन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सिरसा जिलें की सीमा के अंदर तुड़ी का इस्तेमाल फैक्ट्रियों, ईंट भट्ठों आदि जगहों पर किया जाता है जिसके चलते गौवंश के लिए तुड़ी की किल्लत पैदा हो रही है.
जिला प्रशासन ने कहा है कि तुड़ी को फैक्ट्री व ईंट भट्ठों में प्रयोग करने व सिरसा जिलें से बाहर भेजने पर रोक लगा दी गई है और साथ ही इस संबंध में धारा-144 लागू कर दी गई है. बता दें कि बीते दिनों गौशाला संचालकों की बैठक हुई थी जिसमें तूड़ी की बढ़ती कीमतों पर चिंता जाहिर की गई थी और साथ ही प्रशासन को भी अल्टीमेटम दिया गया था कि सरकार व प्रशासन ने अगर तूड़ी के रेटों में कटौती नहीं की, तो मजबूरन गौशालाओं के प्रबंधकों के पद से इस्तीफा देकर गौशालाएं बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा.
बता दें कि सिरसा जिलें में पंजाब से बड़ी मात्रा में तुड़ी की सप्लाई की जाती है लेकिन आरटीओ द्वारा तूड़ी से भरे ट्रैक्टर- ट्रालियों का 30-40 हजार रुपए का चालान काटा जा रहा है. जिसके चलते पंजाब के व्यापारी सिरसा की बजाय राजस्थान में तूड़ी सप्लाई कर रहे हैं. इस वजह से सिरसा में तूड़ी की किल्लत पैदा हो गई है.
गौशाला संचालकों का कहना है कि महंगे भाव पर तूड़ी खरीदकर गायों व गौवंश को डाल रहे हैं, लेकिन पर्याप्त मात्रा में तूड़ी नहीं मिलने के कारण पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है. गौशाला संचालकों ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो हमें मजबूरन गौशालाओं के गेट खोलने पड़ेंगे और सारा गौवंश सड़कों पर छोड़ना पड़ेगा. गौशालाओं की चाबी डीसी को सौंप दी जाएगी.
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