सिरसा । आधुनिकता के इस युग में इंटरनेट का प्रचलन इस कदर बढ़ गया है कि घर बैठे कुछ भी सामान ऑर्डर कर सकते हैं, बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे कर सकते हैं लेकिन इसके साथ ही ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं. आए दिन अखबारों व न्यूज चैनलों पर ठगी का शिकार हुए लोगों की दास्तां सुनने को मिलती हैं. ऑनलाइन ठगी से बचाव के बारे में बताते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ अर्पित जैन ने लोगों से महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है.
पुलिस अधीक्षक डॉ अर्पित जैन ने बताया है कि सावधानी व सतर्कता ही साइबर ठगी से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है. अगर आप अलर्ट रहें तो साइबर ठगी से खुद को बचा सकते हैं. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन फ्राड का एक ऐसा ही मामला सिरसा पुलिस के संज्ञान में आया था, जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर सेल सिरसा पुलिस टीम ने पीड़ित महिला के पैसे वापस करवाएं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 28 अप्रैल की रात को अनु गर्ग निवासी कालांवाली अपने ऑनलाइन टास्क पूरे करते समय उनके बैंक अकाउंट से 102889 रुपए का फ्राड हो गया था. उन्होंने बताया कि पीड़ित महिला ने तुरंत प्रभाव से हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद पीड़ित महिला ने अगले दिन सुबह साइबर सेल पुलिस अधीक्षक कार्यालय सिरसा में पहुंचकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई.
साइबर सेल में तैनात सिपाही सुनील व ललित ने पीड़ित महिला की शिकायत पर तुरंत प्रभाव से एक्शन लेते हुए मात्र 15 घंटों में पीड़ित महिला के अकाउंट में सारे पैसे रिफंड करवा दिए. पुलिस अधीक्षक डॉ अर्पित जैन ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाता है तो तुरंत प्रभाव से 1930 पर कॉल करें और पुलिस को सूचना दें.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1930 पर कॉल करने से पुलिस को डिटेल्स आसानी से प्राप्त हो जाती है कि पैसे किस खाते या फिर किस आईडी पर ट्रांसफर किए गए हैं. ये पता चलते ही उस बैंक या फिर ई-साइट को अलर्ट मेसेज भेजा जाता है. इसके बाद वहां से वो रकम ब्लॉक कर दी जाती है और कुछ समय बाद पैसे वापस पीड़ितों के खाते में आ जाते है.
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