सोनीपत । कहते हैं किसी लक्ष्य को पाने की चाहत हो या जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा हो जाएं तो इंसान के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है. ये कहावत एकदम चरितार्थ कर दिखाई हैं, सोनीपत जिलें के गांव बरोदा निवासी आजाद सिंह मोर ने जिन्होंने 70 साल की उम्र में 76% अंकों से दसवीं कक्षा पास कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है.
बता दें कि हरियाणा की मनोहर सरकार ने सात साल पहले पंचायत चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर दी थी जिसके तहत सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को सरपंच प्रतिनिधि बनने के लिए दसवीं पास होना अनिवार्य होगा. सरकार के इस फैसले से सरपंच बनने की चाहत रखने वाले कई लोगों की उम्मीदों को झटका लगा था और आजाद सिंह मोर भी उनमें से एक थे लेकिन अब उन्होंने दसवीं कक्षा पास कर सरपंच पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने का काम किया है.
आजाद सिंह मोर ने सरपंच बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए बुढ़ापे में पढ़ाई शुरू की. 2021 में उन्होंने नैशनल ओपन स्कूल बोर्ड से दसवीं कक्षा के लिए आवेदन किया. कोविड-19 के चलते परीक्षा नहीं हो पाई और बोर्ड ने असेसमेंट के आधार पर सभी विद्यार्थियों को पास कर दिया था. जिसके बाद अब आजाद सिंह मोर के पास दसवीं कक्षा की मार्कशीट पर पहुंची हैं जिसमें उन्होंने 70 साल की उम्र में करीब 76% अंक हासिल किए हैं.
आजाद सिंह मोर ने बताया कि उन्होंने परीक्षा पास करने के लिए पूरी तैयारियां की थी लेकिन कोरोना की वजह से परीक्षा नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि गांव का सरपंच बनने का उन्होंने जो सपना देखा था, उसे अब वो पूरा कर सकते हैं. इसके साथ ही आजाद सिंह मोर ने उन लोगों के लिए भी एक उदाहरण पेश किया है जो उम्र का हवाला देकर अपने सपनों का गला घोंट देते हैं.
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