भावुक हुई बबीता फोगाट: ‘जब मेडल लेकर घर जाती थी सब स्वागत करते थे, अब गालियां सुनती हूं’

सोनीपत | बुधवार को सोनीपत के विश्राम गृह में बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने पहुंचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और किसानों का विरोध करना सही भी है लेकिन हमला करना गलत है. सरकार किसानों की बात सुन रही है तथा बातचीत भी कर रही है. हम भी अपनी बात तथ्यों के आधार पर करना चाहते हैं.

BABITA PHOGAT

प्रेस कॉन्फ्रेंस मैं बबीता फोगाट भावुक हो गई. इस दौरान उन्होंने कहा जब वह मेडल लेकर घर जाती थी तो सभी स्वागत करते थे, लेकिन अब मैं उनके बीच जाती हूं तो मैं गालियां सुनती हूं. आंदोलन पर बबीता फोगाट ने कहा है कि आंदोलन पहले भी होते थे लेकिन वह मुद्दों पर होते थे. एक नहीं तीन आंदोलन चल रहे हैं, पहला किसान, आंदोलन दूसरा विपक्ष आंदोलन तथा तीसरा फेसबुक आंदोलन है. 40 नेताओं से कभी समाधान नहीं होगा. अगर आप समाधान चाहते हो तो 5 नेताओं की कमेटी बनाई जाए.

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बबीता फोगाट ने आगे कहा है कि हमें डिफरेंस समझने की जरूरत है. एक खेत वाला किसान है दूसरा विपक्ष वाला किसान है, तीसरा फेसबुक वाला किसान है. विपक्ष किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहा है. एक समय होगा जब किसानों की समस्या का समाधान होगा. लेकिन उस समय आप एक दूसरों से नजर नहीं मिला सकेंगे. आंदोलन के सहारे जो उपद्रव मचा रहे हैं वह किसान नहीं है. सभी को अपने पास रखने का हक है, किसान भी अपनी बात रख सकते हैं तो वह हमारी भी बात सुने. हम भी अपनी बात तथ्यों के साथ रखना चाहते हैं. – बबीता फोगाट

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बबीता फोगाट बाबू को गई थी. उस दौरान उन्होंने कहा है कि जब वह मेडल लेकर घर जाते थे तो सभी लोग स्वागत करते थे, लेकिन अब जब मैं उनके बीच में जाती हूं तो गालियां सुनती हूं. हमारा समाज किस तरफ पड़ रहा है,क्या हमारा समाज बहन बेटियों की इज्जत से बड़ा हो गया है. समाज का यह संस्कार है हमारे ऊपर लाठी चलाना तथा गालियां देना. मैं अपने घर कभी भी जा सकती हूं. जहां प्रोग्राम करने आई वहां विरोध नहीं हुआ बल्कि सड़क पर विरोध हुआ, जहां मेरा प्रोग्राम था. गांव के लोगों ने विरोध नहीं किया. रास्ते में सड़क पर गाड़ी रोककर मेरी गाड़ी पर लाठी बरसाई गई. हमारी गाड़ी कैसी से भी टूटे तथा इस गाड़ी के अंदर मेरा बेटा भी था. अगर मेरे बेटे को कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन था.

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