हरियाणा में कांग्रेस ने चला कांटे से कांटा निकालने का दाव, जानिए ब्रह्मचारी को टिकट देने के मायने

सोनीपत | लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा के लिए लोकसभा उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. प्रत्याशी घोषित करने में भले ही कांग्रेस ने देरी कर दी हो, लेकिन कांटे से कांटा निकालने का बड़ा दांव चलकर पार्टी ने मुकाबले में रोमांच पैदा कर दिया है. सोनीपत लोकसभा सीट पर पार्टी ने सतपाल ब्रह्माचारी के रूप में जिस धर्मगुरु को मैदान में उतारा है, उन्होंने अपने प्रबंधन वाली धर्मशालाओं और आश्रमों के जरिए इलाके के लोगों की सेवा और मदद का काम पहले से ही हाथ में ले रखा है.

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भोले नाथ की नगरी हरिद्वार से लेकर पांडु पिंडारा और गांगोली मंदिर जाने वाले सोनीपत और जींद के श्रद्धालुओं के लिए सतपाल ब्रह्मचारी चिर-परिचित नाम हैं और पूरे क्षेत्र में उनके प्रशंसक मौजूद हैं. ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली को चुनावी रण में ब्रह्मचारी कड़ी चुनौती पेश करेंगे, जिससे सियासी घमासान और अधिक रोचक होने की संभावना नजर आ रही है.

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एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश

राम मंदिर और हिन्दू धर्म जैसे भावनात्मक मुद्दों के साथ चुनावी रण में उतरे बीजेपी प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली के सामने कांग्रेस पार्टी ने सतपाल ब्रह्माचारी को प्रत्याशी बनाकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. पहला सोनीपत क्षेत्र के ब्राह्मण वोट 2 प्रत्याशियों के बीच बंटेंगे तो वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा का साथ मिलने से जाट समाज के वोटर्स का झुकाव भी ब्रह्माचारी की ओर रहेगा. तीसरा कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्माचारी का संसदीय क्षेत्र के सफीदों विधानसभा से भी पुराना रिश्ता है. उनका गांव गांगोली इसी क्षेत्र में पड़ता है.

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कांग्रेस पार्टी में मजबूत पकड़

चौथा और सबसे बड़ा फायदा सतपाल ब्रह्माचारी के नाम पर कांग्रेस के सभी धड़े एकमत होने से पार्टी को एक करने में मदद मिलेगी. पांचवां, उनके पक्ष में हरिद्वार से कई दूसरे आश्रम के महंत और संत प्रचार करने सोनीपत आ सकते हैं. हरिद्वार की राजनीति में लगातार सक्रियता के चलते इस बार उन्होंने हरियाणा की सोनीपत लोकसभा का टिकट हासिल कर कांग्रेस में अपनी मजबूत पकड़ का परिचय दिया है.

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बेदाग छवि के नेता

साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने नामांकन में जानकारी दी थी कि वह राधाकृष्ण ब्रह्मचारी के शिष्य है. उनपर न किसी तरह का कर्ज है और न ही कोई आपराधिक मामला दर्ज है. वह हरिद्वार में दो आश्रमों से जुड़े हुए हैं. ऐसी बेदाग छवि के नेता को सोनीपत के रण में उतारकर कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा में सियासी माहौल को गर्म बना दिया है.

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