सोनीपत | हरियाणा के सोनीपत में 11वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने ही स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ने वाले पड़ोसी का अपहरण कर लिया और फिर उसकी हत्या कर दी. आरोपी की उम्र 16 साल है. मारा गया अर्जित उर्फ हन्नू 8 साल का था. घटना सोनीपत के हाईराइज अपार्टमेंट टीडीआई एस्पेनिया में हुई. इस बिल्डिंग के बेसमेंट के अंदर एक पानी के ड्रम में हन्नू की लाश मिली थी.
अरिजीत उर्फ हन्नू के पिता अजीत त्रिपाठी सोनीपत में पेटीएम के एरिया सेल्स मैनेजर हैं. सोमवार की शाम उन्हें बेटे के अपहरण की जानकारी हुई. घर में छह लाख फिरौती का पत्र भी मिला है. उसने रातो- रात 4 लाख रुपए का इंतजाम भी कर लिया लेकिन हन्नू की लाश उसी दिन करीब 4 बजे मिली.
मंगलवार को जांच के दौरान पुलिस को आखिरी बार बिल्डिंग के सीसीटीवी फुटेज में आरोपी के साथ देखा गया था. आरोपी से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया. उसने बताया कि उसने सोमवार को ही हत्या की है. उसके बाद, उसने घर आकर भोजन किया और फिरौती का पत्र लिखकर हन्नू के घर ले आया.
आरोपी ने बताया कि उसके पिता मानसिक रूप से बीमार हैं, घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था. पॉकेट मनी भी नहीं थी इसलिए उसने यह कदम उठाया. अपहरण के बाद जब हन्नू हाथ- पैर बांधकर रोने लगा तो उसकी हत्या करनी पड़ी. आरोपी ने बताया कि सीआईडी सीरियल देखने के बाद उसे हत्या का ख्याल आया. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे बाल सुधार गृह भेज दिया.
हन्नू सोसाइटी में ही गया था खेलने
अजीत त्रिपाठी अपनी पत्नी और बेटे के साथ टीडीआई स्पेनिया के फ्लैट में रहते हैं. वह यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले की डुमरियागंज तहसील के वीरपुर- रतनपुर गांव का रहने वाला है. त्रिपाठी दिसंबर 2022 में लखनऊ से ट्रांसफर होकर सोनीपत आ गए थे. अजीत का साढ़े 8 साल का बेटा अर्जित उर्फ हन्नू सोनीपत के एक निजी स्कूल का छात्र था.
सोमवार की शाम वह सोसायटी में ही बच्चों के साथ खेलने गया और गायब हो गया. देर शाम तक हन्नू नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू की गई. कई घंटे की तलाश के बाद भी नहीं मिला. रात 2 बजे घर के आंगन में एक चिट्ठी पड़ी मिली. इसमें हन्नू के अपहरण की जानकारी देते हुए छह लाख रुपये की फिरौती मांगी गई इससे परिवार में हड़कंप मच गया. पुलिस भी पहुंच गई.
फिरौती का पत्र में लिखी थी ये बात
परिवार को जो फिरौती का नोट मिला वह हिंग्लिश में था. उसमें लिखा था कि आपका बेटा हमारे साथ है. यदि आप उसे जीवित देखना चाहते हैं तो आपके पास आज रात तक का समय है. टीडीआई रॉयल के गेट नंबर- 2 के सामने छह लाख रुपए लेकर खड़ा हो गया. वहां मेरा आदमी सुबह 5 बजे तुमसे पैसे ले लेगा. मेरी सबकी निगाहें आप पर हैं. अगर तुमने पुलिस को बताया या किसी से कुछ कहा तो मैं तुम्हारे बेटे को सीधे ऊपर ले जाऊंगा. जैसे ही मेरा आदमी पैसे लेकर आएगा तुम्हारा बेटा 6 बजे तक तुम्हारे पास पहुंच जाएगा. अब फैसला आपके हाथ में है कि पैसा प्यारा है या बेटा.
सिर, गले पर चोट के थे 15 निशान
पुलिस ने बताया कि हन्नू का शव सोसाइटी के बेसमेंट में मिला था. उसके सिर पर चोट के 15 निशान थे और उसका गला भी दबाया गया था. हन्नू का शव देख परिवार में मातम पसर गया. मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. इसके बाद, जब पुलिस ने बेसमेंट और बिल्डिंग में लगे क्लोज सर्किट (सीसी) कैमरों की फुटेज खंगाली तो हन्नू पड़ोस में रहने वाले 16 साल के लड़के के साथ जाता हुआ नजर आया. यह लड़का हन्नू के ही स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ता है.
पुलिस को गुमराह करने का किया प्रयास
पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो आरोपित ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर गुमराह करने की पूरी कोशिश की. उसके मुताबिक, हन्नू को कुछ युवक एक कार में बिठाकर ले गए थे. उसने खुद उन युवकों को देखा था. हालांकि, पुलिस को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि सोसायटी के सीसीटीवी कैमरों में ऐसा कोई वाहन दिखाई नहीं दे रहा था. इसके बाद, जब पुलिस ने सख्ती की तो पूरी घटना का खुलासा कर दिया.
हत्या के बाद घर आया और खाना खाया
नाबालिग आरोपी ने बताया कि सोमवार की शाम वह हन्नू को बिल्डिंग के बेसमेंट में ले गया. वह उसे मारना नहीं चाहता था लेकिन जब उसने तहखाने में हाथ- पैर बांधना शुरू किया तो हन्नू रोने लगा. इससे वह डर गया और घबराकर लोहे की कड़ाही (नट- बोल्ट खोलने का औजार) से उसके सिर पर कई वार किए. हन्नू के सिर से खून बहने लगा और वह नीचे गिर पड़ा.
उसे लगा कि हन्नू के होश में आने पर उसे पकड़ा जा सकता है, इसलिए उसने उसका गला दबा दिया. जब यह पक्का हो गया कि हन्नू मर चुका है तो उसने उसके शव को उठाया और तहखाने में पड़े एक पानी के ड्रम में फेंक दिया. इसके बाद, वह अपने घर चला गया और वहां आराम से भोजन किया. फिरौती की चिट्ठी लिखकर हन्नू के घर के आँगन में रख दी.
इस वजह से की हत्या
नाबालिग ने पुलिस पूछताछ में कहा, ‘मैंने पैसों के लालच में हत्या की है. मेरे पिता मानसिक रूप से बीमार हैं. घर में आय का कोई जरिया नहीं है. मुझे पॉकेट मनी भी नहीं मिल रही थी.
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