सोनीपत में किया गया नियंत्रित क्षेत्रों का विस्तार, अब NOC के बजाय सीएलयू लेकर करना पड़ेगा निर्माण

सोनीपत | हरियाणा के सोनीपत में नियंत्रित क्षेत्र का विस्तार कर दिया गया है. नगर एवं ग्राम योजना विभाग द्वारा इसके लिए बजट जारी करते हुए बताया गया है कि जिले के 17 गांवों को नियंत्रित क्षेत्र में शामिल किया गया है. इसका असर यहां होने वाले अवैध निर्माण पर पड़ना तय माना जा रहा है, क्योंकि अभी तक यहां निर्माण कार्य में एनओसी की जरूरत पड़ती थी. कुछ लोग ही NOC लेते थे, जबकि बाकी चोरी छुपे निर्माण करते थे. अब नियंत्रित क्षेत्र में आ जाने के बाद यहां निर्माण के लिए सीएलयू लेना जरूरी होगा. इसके लिए बाकायदा सरकार को फीस भी देनी होगी.

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Unauthorised Colonies

विकास शुल्क देना जरूरी

लगातार ऐसी मामले सामने आ रहे थे कि आसपास के गांवों में बिना अनुमति कॉलोनी काटी जा रही थी और अन्य निर्माण किया जा रहा था. तब तत्कालीन उपायुक्त श्याम लाल पूनिया द्वारा साल 2021 में गांवों का दौरा भी किया गया था. उसके बाद, प्रशासन द्वारा 25 गांवों की जमीन को कंट्रोल एरिया में शामिल करने की सूची तैयार कर सरकार को भेज दी गई थी. अब उस पर एक्शन लेते हुए सरकार ने नियंत्रित क्षेत्र का विस्तार करने की मंजूरी प्रदान कर दी. अब यहां कोई भी निर्माण कार्य शुरू करने के लिए सरकार से सीएलयू लेना जरूरी होगा. साथ ही, विकास शुल्क देना और नक्शा पास करवाना भी जरूरी होगा.

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ये गांव हुए नियंत्रण क्षेत्र में शामिल

बड़वासनी, हुल्लाहेड़ी, बागडू, किलोहड़द, महलाना, ताजपुर तिहाड़ खुर्द, हसनयारपुर तिहाड़ कलां, ककरोई, रोहट, भदाना, खिजरपुर जटमाजरा, भठगांव डूंगरान, भठगांव माल्यान, करेवड़ी, बादशाहपुर माच्छरी, जाजी व जुआं तक को नियंत्रित क्षेत्र में शामिल किया गया है. इन गांव में जब डीटीपी एनओसी देंगे तभी यहां एक एकड़ से कम भूमि की रजिस्ट्री हो पाएगी. जमीन की पूरी डिटेल देने के बाद ऑनलाइन एनओसी ली जा सकेगी. यदि अवैध कॉलोनी में प्लाटिंग का काम हो रहा है तो डीटीपी NOC जारी नहीं करेंगे.

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अभी तक NOC थी जरूरी

नियंत्रित क्षेत्र से बाहर के गांव की जमीन पर निर्माण कार्य करने के लिए केवल डीटीपी के पास प्रार्थना पत्र देकर एनओसी लेनी होती थी, लेकिन अब नियंत्रित क्षेत्र में जो गांव शामिल होंगे. वहां कोई भी निर्माण कार्य शुरू करने से पहले सीएलयू लेनी जरूरी होगी. उसके लिए बाकायदा सरकार को फीस देनी होगी. इसके अलावा, डेवलपमेंट चार्ज और नक्शा भी पास करवाना होगा. यदि कोई वहां प्लाट लेगा तो उसे सीवर, सड़क, पेयजल की सुविधा भी मिल पाएंगी.

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