सोनीपत | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और NCR क्षेत्र में ट्रैफिक दबाव कम करने के उद्देश्य से निरंतर नए प्रयास हो रहे हैं. इसी कड़ी में निर्माणाधीन अर्बन एक्सटेंशन रोड़ (UER- 2) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है. 75 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग के निर्माण को 5 चरणों में पूरा किया जा रहा है और इनमें से 4 चरणों में निर्माण कार्य 90% से ज्यादा पूरा हो चुका है, जबकि एक चरण में निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है.
एक अधिकारी ने बताया कि साल 2025 से इस सड़क मार्ग को शुरू कर जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. इसके शुरू होने से दिल्ली में प्रतिदिन ढाई लाख के आसपास ट्रैफिक दबाव कम हो जाएगा. दिल्ली के अलीपुर से शुरू होने वाले इस सड़क मार्ग के जरिए नजफगढ़ होते हुए IGI एयरपोर्ट पर मात्र 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा.
ये रहेगा रूट
अलीपुर के पास दिल्ली- पानीपत नेशनल हाईवे से शुरू हो रहा UER- 2 रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़, द्वारका से होते हुए महिपालपुर के पास NH- 48 पर दिल्ली- गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर समाप्त होगा. इसके तीन पैकेज की लंबाई 38 किलोमीटर है. इसमें पहला पैकेज NH- 1 दिल्ली- पानीपत हाईवे इंटरसेक्शन से कराला- कंझावला रोड तक (15.70 km), दूसरा पैकेज कराला- कंझावला रोड से नांगलोई- नजफगढ़ रोड (13.45 km) और तीसरा पैकेज नांगलोई- नजफगढ़ रोड़ से द्वारका सेक्टर- 24 (9.66 km) का है.
एयरपोर्ट और गुरुग्राम का सफर होगा आसान
इसी कड़ी में 37.29 किलोमीटर लंबाई की दो सड़क का भी निर्माण कार्य जा रहा है. इसमें बवाना औद्योगिक क्षेत्र से बड़वासनी बाईपास सोनीपत (29.60 किलोमीटर) और ढिचाऊ कलां से बहादुरगढ़ बाईपास (7.2 किलोमीटर) हैं. इन दोनों सड़क मार्ग के जरिये सोनीपत और बहादुरगढ़ से वाहन बिना किसी रूकावट के IGI एयरपोर्ट और गुरुग्राम की तरफ जा सकेंगे.
होंगे 27 फ्लाईओवर और 11 अंडरपास
करीब 8 हजार करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले UER-2 में 27 फ्लाईओवर, 2 आरओबी, 11 अंडरपास, 27 छोटे और बड़े ब्रिज, 17 सब- वे, 31 बस बाय और 111 किलोमीटर की सर्विस रोड शामिल है. इस परियोजना को दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के नाम से भी जाना जाएगा. इस सड़क मार्ग के शुरू होने से दिल्ली की सड़कों से ट्रैफिक दबाव हटेगा. इसके अलावा, मालवाहक वाहनों को दिल्ली की भीतरी सड़कों पर नहीं आना पड़ेगा.
सर्विलांस सिस्टम से किया जाएगा लैस
UER- 2 आधुनिक सर्विलांस सिस्टम से लैस किया जाएगा. जिससे हर वाहन को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा. इससे ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वाले वाहनों का तत्काल चालान कटेगा. इसके लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) लगाया जाएगा, जो दोपहिया वाहन की जानकारी भी आसानी से निकालने में मदद करेगा. इसके लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एनएपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे.
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