सोनीपत | पानीपत की धरती से शुरू हुआ ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान रंग ला रहा है. अभियान के तहत हरियाणा सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं. जिनमें लिंगानुपात को सुधारने के साथ ही उनको पढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
सुधरा लिंगानुपात
बता दें कि हरियाणा सरकार ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि 1470 लिंगानुपात के साथ सोनीपत का गांव खोरड़ बेस्ट विलेज स्कीम के तहत चुना गया है.
क्या है इस योजना का मकसद
22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में प्रधान मंत्री द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढाओ की शुरुआत की गई थीथी. बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना जीवन भर बाल लिंगानुपात में गिरावट को रोकने में मदद करती है और महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों का समाधान करती है. यह योजना तीन मंत्रालयों यानी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है.
इस योजना के मुख्य घटकों में पहले चरण में पीसी और पीएनडीटी अधिनियम का कार्यान्वयन, राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान और चयनित 100 जिलों (जहां बाल लिंगानुपात कम है) में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य शामिल हैं. जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण, सुग्राहीकरण और जागरूकता और सामुदायिक लामबंदी के माध्यम से लोगों की मानसिकता बदलने पर जोर दिया जा रहा है. एनडीए सरकार बालिकाओं के प्रति समाज के रवैये में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है. जिसका असर होते भी दिख रहा है.
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